भाद्रपद की तृतीया को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। महिलाएं यह व्रत पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं तो युवतियां मनचाहा वर पाने के लिए महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान शिव, माता पार्वती की बालू या मिट्टी की मूर्ति बनाकर पूजन करती हैं। पूजन के दौरान दिन भर कुछ मंत्र जपती रहती हैं। आओ जानते हैं कि वे कौनसे मंत्र हैं। आप किसी भी एक मंत्र से पूजन और एक को दिनभर जपें।
माता पूजन के मंत्र :
* 'उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये'
* कात्यायिनी महामाये महायोगिनीधीश्वरी
नन्द-गोपसुतं देवि पतिं में कुरु ते नम:
* गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।
मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।
* ऊं पार्वत्यै शान्ति स्वरूपिण्यै शिवायै नम:
* ऊं उमायै नम:, ऊं पार्वत्यै नम:, ऊं जगद्धात्र्यै नम:, ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊं शांतिरूपिण्यै नम:, ऊं शिवायै नम:
शिवजी आराधना के लिए मंत्र :
*ऊं महादेवाय नमः
*ऊं हराय नम:, ऊं महेश्वराय नम:, ऊं शम्भवे नम:, ऊं शूलपाणये नम:, ऊं पिनाकवृषे नम:, ऊं शिवाय नम:, ऊं पशुपतये नम:, ऊं महादेवाय नम:।
दिनभर जपने वाले मंत्र :
* ॐ शिवाये नम:।
* ॐ उमाये नम:।
* ॐ पार्वत्यै नम:।
* ॐ जगद्धात्रयै नम:।
* ॐ जगत्प्रतिष्ठायै नम:।
* ॐ शांतिरूपिण्यै नम:।
* ॐ नम: शिवाय।
* ॐ हराय नम:।
* ॐ महेश्वराय नम:।
* ॐ शम्भवे नम:।
* ॐ शूलपाणये नम:।
* ॐ पिनाकवृषे नम:।