Balu Mitti ke shivling banane ki vidhi: हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2023) पर महिलाएं मिट्टी या बालू के शिवलिंग बनाकर उसक 5 बार पूजा करती हैं। कई बार यह शिवलिंग अच्छे से बनी नहीं पाता है। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि मिट्टी का शिवलिंग बनाने की सरल विधि क्या है तो पढ़िये।
कैसे बनाएं मिट्टी बालू के शिवलिंग?
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मिट्टी के शिवलिंग को पार्थिव शिवलिंग कहा जाता है।
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यह शिवलिंग मिट्टी, गऊ का गोबर, गुड़, मक्खन और भस्म मिलाकर बनाया जाता है।
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इस शिवलिंग के निर्माण में इस बात का ध्यान रखें कि यह 12 अंगुल से ऊंचा नहीं हो।
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इससे छोटा शिवलिंग भी बनाया जा सकता है। हरतालिका तीज में छोटा शिवलिंग की बनाते हैं।
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बालू का शिवलिंग बनाना है तो जितनी मिट्टी ले रहे हैं उससे दोगुनी बालू लें।
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मिट्टी का शिवलिंग बना रहे हैं तो जितनी बालू ले रहे हैं उससे दोगुनी मिट्टी लें।
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अब इसमें थोड़ा गुड़ मिला लें। अब इस पेस्ट से आसानी से शिवलिंग बन जाएगा।
पार्थिव शिवलिंग पूजा के फायदे क्या हैं?
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इस शिवलिंग की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
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सभी तरह के दु:ख दूर होकर मनोकामना पूर्ण होती है।
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पार्थिव पूजन से सभी प्रकार के भय दूर हो जाते हैं।
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कहते हैं कि कलिकाल में कूष्मांडा ऋषि ने इस पार्थिव शिवलिंग का पूजन प्रारंभ करवाया था।
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शिव महापुराण अनुसार पार्थिव पूजन से धन, धान्य, आरोग्य और पुत्र की प्राप्ति होती है।
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कलयुग में मोक्ष की प्राप्ति और व्यक्ति की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पार्थिव पूजन सबसे उत्तम बताया गया है।
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जो भी व्यक्ति मिट्टी का शिवलिंग बनाकर पार्थिव शिवलिंग पूजन रुद्राभिषेक करता है, भगवान उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं।