टोक्यो:भारत बनाम इंग्लैंड वैसे तो अगस्त में क्रिकेट से भिड़ने वाले हैं लेकिन कल हॉकी के मैच से ओलंपिक से इन दोनों देशों की प्रतिद्वंदिता शुरु होगी। अगस्त में 15 अगस्त भी आता है इस कारण ग्रेट ब्रिटेन और भारत के क्वार्टरफाइनल मैच में सबकी नजरे रहेंगी।
आठ बार की ओलिंपिक चैम्पियन भारतीय हॉकी टीम ब्रिटेन के खिलाफ रविवार को जब क्वार्टर फाइनल में उतरेगी तो उसका इरादा चार दशक बाद ओलिंपिक पदक जीतने की दिशा में अगला कदम रखने के साथ उस गौरवशाली इतिहास को दोहराने का भी होगा। ओलिंपिक में भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने पीला तमगा जीता था। उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और 1984 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी।
2008 बीजिंग ओलंपिक में बैठना पड़ा था बाहर
बीजिंग में 2008 ओलंपिक में टीम पहली बार क्वालीफाई नहीं कर सकी और 2016 रियो ओलंपिक में आखिरी स्थान पर रही। देश में हॉकी का ग्राफ लगातार नीचे चला गया । पिछले पांच साल में हालांकि भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में जबर्दस्त सुधार आया है जिससे वह विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंची। दो साल पहले कोच बने ऑस्ट्रेलिया के ग्राहम रीड के आने के बाद से खिलाड़ियों का आत्मविश्वास, आत्मबल और फिटनेस का स्तर बढा है। पहले दबाव के आगे घुटने टेकने वाली टीम अब आखिरी मिनटों तक हार नहीं मानती।
फॉर्म में ब्रिटेन से बीस है भारत
ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-7 से मिली हार के अलावा भारतीय टीम ने अभी तक शानदार हॉकी खेली है। पांच में से चार मैच जीतकर टीम पूल ए में दूसरे स्थान पर है। दूसरी ओर ब्रिटेन ने दो जीत दर्ज की और दो हार तथा एक ड्रॉ के बाद वह पूल बी में तीसरे स्थान पर है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद लगातार तीन मैच जीते हैं। रैंकिंग में भी देखें तो भारत तीसरे और ब्रिटेन पांचवें स्थान पर है। मनदीप सिंह की अगुवाई में फॉरवर्ड पंक्ति को हालांकि मौकों को भुनाना होगा। भारत की ताकत मिडफील्ड हैजिसमें कप्तान मनप्रीत सिंह और नीलाकांता शर्मा होंगे।
4-4 पर फंसा है पेंच
ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह , रूपिंदर पाल सिंह, अमित रोहिदास और वरूण कुमार से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी। डिफेंस को अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा। कोच रीड ने पिछले मैच के बाद कहा था ,हमने वह लय हासिल करने की कोशिश की है जो क्वार्टर फाइनल में चाहिये। कुछ अच्छे फील्ड गोल किये और मौके भी बनाये लेकिन सर्कल के भीतर बेहतर प्रदर्शन करना होगा । ओलिंपिक में भारत और ब्रिटेन का सामना आठ बार हुआ है और दोनों टीमें चार चार बार जीती हैं।