बेंगलुरु: टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत के चंद दिन पहले भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा ने अपना घोड़ा बदलते हुए सेगनुएर मेडिकोट को प्राथमिकता दी है, जिसके साथ उन्होंने 2018 एशियाई खेलों में दो रजत पदक जीते थे। इससे पहले मिर्जा ने घोषणा की थी कि वह टोक्यो खेलों में दजारा 4 के साथ उतरेंगे।
फवाद मिर्जा का प्रायोजन करने वाले एम्बेसी समूह ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, मिकी के नाम से मशहूर सेगनुएर मेडिकोट ने एशियाई खेलों में मिर्जा को दो रजत पदक दिलाने में मदद की थी और इन दोनों का एक दूसरे के साथ अच्छा भावनात्मक रिश्ता है।
सिगनोर मेदिकोट नाम के घोड़े पर सवार मिर्जा ने ड्रेसेज और क्रास कंट्री क्वालीफायर्स में 22.40 के स्कोर के साथ पहले स्थान पर रहते हुए जंपिंग फाइनल्स में प्रवेश किया था। उन्होंने जंपिग फाइनल्स में 26.40 के स्कोर के साथ एशियाई खेल 2018 में रजत पदक जीता। जापान के ओइवा योशियाकी ने 22.70 के स्कोर के साथ स्वर्ण जबकि चीन के अलेक्स ह्यून तियान (27.10) ने कांस्य पदक जीता था।
मिर्जा के शानदार प्रदर्शन के सहारे भारत ने टीम स्पर्धा में भी रजत पदक हासिल किया था। इस टीम में मिर्जा के अलावा जितेंदर सिंह, आकाश मलिक और राकेश कुमार शामिल थे। भारतीय टीम का कुल स्कोर 121.30 रहा था। जापान (82.40) ने स्वर्ण और थाईलैंड (126.70) ने कांस्य पदक जीता था।
भारत ने इससे पहले एशियाई खेलों की घुड़सवारी में तीन स्वर्ण सहित दस पदक जीते हैं लेकिन इस खेल में भारत की तरफ से मिर्जा से पहले आखिरी व्यक्तिगत पदक 1982 में दिल्ली एशियाई खेलों में जीते गए थे।
विज्ञप्ति में कहा गया, शुरुआत में फवाद ने ओलंपिक के लिए दजारा 4 को चुना था लेकिन पिछले कुछ हफ्तों की कड़ी प्रतिस्पर्धा और अभ्यास के बाद उन्हें लगा कि दजारा 4 पर काफी दबाव पड़ा है। इसलिए टोक्यो ओलंपिक में सेगनुएर मेडिकोट के साथ उतरने का फैसला किया गया क्योंकि यह घोड़ा अच्छी तरह मूवमेंट कर रहा है।
विज्ञप्ति के अनुसार सेगनुएर मेडिकोट ने आचेन (जर्मनी) में पृथकवास पूरा कर लिया है और कल रात टोक्यो के लिए रवाना हुआ। फवाद मिर्जा टोक्यो ओलंपिक में अपने अभियान की शुरुआत 29 जुलाई से करेंगे। फवाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे भारतीय घुड़सवार है। उन से पहले इंद्रजीत लांबा (1996, अटलांटा) और इम्तियाज अनीस (2000, सिडनी) भी ओलंपिक इवेंटिंग में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके है।(भाषा)