टोक्यो ओलंपिक में भारत की एकमात्र भारत्तोलक मीराबाई चानू ने रजत पदक जीतकर पहले ही दिन भारत का खाता खुलवा दिया। यह पहली बार है जब भारत पहले ही दिन ओलंपिक में मेडल जीत गया हो। मीराबाई चानू भारोत्तोलन में मेडल जीतने वाली दूसरी महिला खिलाड़ी बनी है इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक में भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीता था।
इससे पहले राज्यवर्धन सिहं राठौर ने शूटिंग में और कर्णम मल्लेश्वरी ने भारोत्तोलन में ओलंपिक शुरु होने के दूसरे दिन ही भारत का खाता खुलवाया था।मीराबाई चानू ने ओलंपिक खेलों की भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक का भारत का 21 साल का इंतजार खत्म किया और 49 किग्रा स्पर्धा में रजत पदक जीतकर तोक्यो ओलंपिक में देश का खाता भी खोला।
चानू ने क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा और स्नैच में 87 किग्रा से कुल 202 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया।
चीन की होऊ झिऊई ने कुल 210 किग्रा (स्नैच में 94 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 116 किग्रा) से स्वर्ण पदक अपने नाम किया।इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने कुल 194 किग्रा का वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया।
रियो की गलती टोक्यो में सुधारी
चानू भारत के लिये 49 किग्रा वर्ग में पदक की निश्चित दावेदार मानी जा रही थी क्योंकि आठ महिलाओं भारोत्तोलकों में उनका 205 किग्रा का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन केवल चीन की होऊ जिहुई के 213 किग्रा के बाद दूसरे नंबर है।
हालांकि उनके पदक को लेकर हाइप बिलकुल बिल्कुल वैसी ही थी जैसी पांच साल पहले रियो में थी जिसमें चानू छह प्रयासों में केवल एक ही बार वजन उठा सकी थीं जिससे उन्हें महिलाओं की 48 किग्रा स्पर्धा में ओवरऑल स्कोर नहीं मिल सका था।
मणिपुर की यह भारोत्तोलक इस बार निश्चित रूप से नया अध्याय लिख चुकी है।कर्णम मल्लेश्वरी एकमात्र भारतीय भारोत्तोलक हैं जिनके नाम ओलंपिक पदक है। उन्होंने 2000 सिडनी ओलंपिक में 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था, जब भारोत्तोलन एरीना पहली बार महिलाओं के लिये खोला गया था।
रियो ओलंपिक के बाद चानू ने अपनी काबिलियत साबित की और लगभग हर बड़ी प्रतियोगिता में पदक जीते जिसमें विश्व चैम्पियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक भी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक भी जीता।
हाल के समय में उनका स्नैच वर्ग में प्रदर्शन महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं में उनके लिये नुकसानदायक साबित हुआ था। चानू क्लीन एवं जर्क में 119 किग्रा के अपने विश्व रिकार्ड को बेहतर करने में विफल रही लेकिन रजत पदक उनके खाते में ही गया।
राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा ने मैच की पूर्व संध्या पर कहा, हमारे प्रतिद्वंद्वी चीन, अमेरिका और इंडोनेशिया से हैं। हमने स्नैच पर काम किया है। लेकिन अन्य कैसा कर रहे हैं, वजन का फैसला इससे ही होगा। हम बेकार में जोखिम नहीं लेना चाहते।