Anantnag Encounter: DSP हुमायूं भट्ट, मेजर आशीष धौनेक और कर्नल मनप्रीत सिंह। शहादत के ये तीन नाम हमेशा याद रहेंगे। देश के लिए हुई इस शहादत के पीछे किसी की दो महीने की मासूम बेटी पीछे रह गई है तो किसी की पत्नी। किसी की हाल ही में शादी हुई थी। जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों से मुठभेड़ में इंडियन आर्मी के ये 3 जवान शहीद हो गए। जब तीनों वीर जांबाज अधिकारियों के प्रार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचे तो जहां पूरा माहौल गमगीन था, तो वहीं इनके परिजनों की आंखें नम थीं।
बता दें कि तीनों ही शादीशुदा थे और किसी की 2 महीने की बच्ची घर पर पिता का इंतजार कर रही थी तो किसी की पत्नी। जानकारी के मुताबिक हुमायूं भट्ट 2 महीने पहले ही पिता बने थे। शहीद DSP हुमायूं की पिछले साल ही शादी हुई थी और उनकी 2 महीने की बेटी भी है। बता दें कि उनके पिता गुलाम हुसैन भट्ट DIG रह चुके हैं।
जब तिरंगे में लिपटे घर पहुंचे हुमायूं : जब हुमायूं का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो उनकी पत्नी अपनी 2 महीने की मासूम को गोद में लिए नम आंखों से पति की शहादत को सलामी दे रही थी। पिता की शहादत से अनजान बेटी मां के आंचल में सबकुछ देख रही थी, लेकिन उस मासूम को कहां पता था कि अब उसके सिर से पिता का साया उठ गया है।
घर लौटने वाले थे मेजर आशीष : पानीपत के बिंझौल गांव के रहने वाले मेजर आशीष धौनेक को इसी साल ही सेना ने मेडल से सम्मानित किया गया था। 3 बहनों के इकलौते भाई आशीष की 2 साल की बेटी है। उनके चाचा ने कहा— आखिरी बार उनसे टेलीफोन पर ही बात हुई थी। वह डेढ़ महीने पहले घर आए थे। हमें घर बदलना था, इसलिए अक्टूबर में आशीष आने वाले थे। जब तिरंगे में लिपटकर वे घर पहुंचे तो उनका इलाका और आसपास का सारा माहौल गमगीन हो गया।
कर्नल मनप्रीत सिंह ने कहा- क्या होता है डर : इसी तरह शहादत और साहस की तीसरी कहानी है कर्नल मनप्रीत सिंह की। वे शान से तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचे। लेकिन उनकी बातें सब को याद आ रही हैं। ट्रेनिंग पर जाते हुए किसी ने पूछा था कि डर नहीं लगता तो। मनप्रीत ने कहा था- मालूम नहीं डर क्या होता है। बता दें कि कर्नल मनप्रीत सिंह का पूरा परिवार आर्मी बैकग्राउंड से है। वे पिछले 4 साल से अनंतनाग में तैनात थे और 2021 में उन्हें मेडल से नवाजा गया था। 2016 में मनप्रीत की शादी हुई और उनका एक 6 साल का बेटा और ढाई साल की बेटी है। मनप्रीत की शहादत की खबर कई घंटों तक उनकी पत्नी को नहीं दी गई। बता दें कि इस मुठभेड में इंडियन आर्मी की एक मादा श्वान केंट भी शहीद हो गई।
Edited by navin rangiyal