Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

नरेन्द्र मोदी ने राज्यों से कहा- आंतरिक सुरक्षा के लिए खुफिया सूचना साझा करें

हमें फॉलो करें नरेन्द्र मोदी ने राज्यों से कहा- आंतरिक सुरक्षा के लिए खुफिया सूचना साझा करें
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राज्यों से खुफिया सूचना साझा करने को कहा जिससे देश को आंतरिक सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से लड़ने में 'चौकन्ना' तथा 'अद्यतन' रहने में मदद मिलेगी।
दस साल के अंतराल के बाद आयोजित अंतर-राज्यीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि 'हमें इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि हमारी आंतरिक सुरक्षा के समक्ष खड़ी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए हम अपने देश को किस तरह तैयार कर सकते हैं।'
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा तब तक मजबूत नहीं की जा सकती जब तक कि राज्य और केंद्र खुफिया सूचना साझा करने पर ध्यान केंद्रित नहीं करते। उन्होंने कहा, 'हमें हमेशा चौकन्ना तथा अद्यतन रहना होगा।' सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल तथा 17 केंद्रीय मंत्री अंतर-राज्यीय परिषद के सदस्य हैं।
 
दो साल पहले प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मोदी पहली बार, एक ही मंच पर सभी मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि परिषद की बैठक में आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों और इस बारे में चर्चा होगी कि उनसे कैसे लड़ा जाए और राज्य तथा केंद्र किस तरह सहयोग कर सकते हैं।
 
मोदी ने कहा, 'घनिष्ठ सहयोग से, हम न सिर्फ केंद्र-राज्य संबंधों को मजबूत करेंगे, बल्कि नागरिकों के लिए बेहतर भविष्य भी बनाएंगे।' उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (सपा) और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (कांग्रेस) ने बैठक में भाग नहीं लिया।
 
जम्मू और कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (पीडीपी) भी बैठक में शामिल नहीं हुईं। जम्मू और कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन के शीर्ष आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र तभी प्रगति कर सकता है जब केंद्र और राज्य सरकारें कंधे से कंधा मिलाकर चलें। उन्होंने कहा, 'किसी भी सरकार के लिए किसी योजना को खुद से क्रियान्वित करना मुश्किल होगा। इसलिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों का प्रावधान उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि क्रियान्वयन की जिम्मेदारी।' प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कुछ ही अवसर होते हैं जब केंद्र और राज्यों के नेतृत्व एकत्र होते हैं।
 
उन्होंने कहा, 'सहयोगात्मक संघवाद का यह फोरम लोगों के हितों, उनकी समस्याओं के समाधान और सामूहिक तथा ठोस फैसले लेने के बारे में विचारविमर्श का बेहतरीन मंच है। यह हमारे संविधान निर्माताओं की दूरदृष्टि को दिखाता है।' मोदी ने कहा कि अंतरराज्यीय परिषद एक अंतर सरकारी फोरम है जिसे नीति तैयार करने और इसका क्रियान्वयन सुनिश्चत करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
 
उन्होंने कहा, 'जितना हम इन विषयों पर सर्वसम्मति बनाने में सफल होंगे, उतना ही मुश्किलों को पार करना आसान होगा। इस प्रक्रिया में हम न सिर्फ सहयोगात्मक संघवाद की भावना को मजबूत करेंगे, बल्कि केंद्र और राज्यों के संबंधों को भी मजबूत करेंगे तथा अपने नागरिकों का बेहतर भविष्य भी सुनिश्चित करेंगे।'


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अरुणाचल: नबाम तुकी का इस्तीफा, पेमा खांडू बन सकते हैं नए मुख्यमंत्री