अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने गुरुवार को कहा कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और आईपीएफटी का मुख्य चुनावी मुद्दा स्थानीय लोगों के समग्र उत्थान पर विशेष रूप से ध्यान देते हुए विकास पर रहेगा।
साहा ने प्रतिद्वंद्वी तिपरा मोथा पार्टी द्वारा रखी गई ग्रेटर तिपरालैंड की मांग को भी खारिज कर दिया। इस आदिवासी बहुल राज्य के पूर्व राजपरिवार के सदस्य प्रद्युत माणिक्य देबबर्मा ने इस पार्टी का गठन किया है। मुख्यमंत्री ने उनकी मांग को आदिवासी समुदाय की भावनाओं से खिलवाड़ बताया।
राज्य में चुनाव से महज नौ महीने पहले बिप्लव कुमार देब की जगह मुख्यमंत्री बने साहा ने दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी को चुनाव में बहुमत मिलेगा और वह अपने दम पर सरकार बनाएगी। भाजपा 60 सदस्यीय विधानसभा में 55 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसने पांच सीट अपनी सहयोगी आईपीएफटी के लिए छोड़ दी हैं।
साहा ने कहा, चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर सभी नेता उस विकास की बात करेंगे जो राज्य में 2018 के बाद देखा गया। जन कल्याण हो या संपर्क हो या महिला सशक्तीकरण हो, वर्तमान सरकार ने राज्य के समग्र विकास के लिए बहुत काम किया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा-आईपीएफटी सरकार ने महिलाओं के लिए उत्कृष्ट काम किया है। डॉक्टर से नेता बने साहा ने कहा कि भाजपा चुनाव में 12 महिला उम्मीदवारों को टिकट दे रही है जो त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में अब तक किसी दल द्वारा उतारी गई महिला प्रत्याशियों की सर्वाधिक संख्या होगी।
साहा ने कहा, स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी महिलाओं ने काफी प्रगति की है। कुछ क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवारों को लेकर असंतोष की खबरों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा होना स्वाभाविक है क्योंकि चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वालों की तुलना में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या बहुत कम है।
उन्होंने कहा, राजनीति में धैर्य जरूरी है। इतिहास गवाह है कि उतावले लोग सफल नहीं होते। कई बार नेताओं को संतोष रखना पड़ता है जैसा युद्ध के मैदान में करना होता है। साहा ने कहा, मैं जहां भी जाता हूं, मैं लोगों को खुश देखता हूं क्योंकि उन्हें पीएमएवाई योजना से लेकर नल-जल और शौचालय जैसी सुविधाओं का लाभ मिला है। हालांकि मैं मानता हूं कि रोजगार निर्माण के क्षेत्र में और भी काम करना है।
उन्होंने दावा किया कि पिछले पांच साल में राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है। साहा ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि अन्य समुदायों (बांग्लाभाषियों) के खिलाफ नारे लगाने वाले अब उनका समर्थन पाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, उन्हें समझना होगा कि प्रधानमंत्री ही हैं जो उनके लिए कुछ कर सकते हैं और कोई नहीं। जब आदिवासी कल्याण की बात आती है तो प्रधानमंत्री वास्तव में उदार हैं। पिछले पांच साल में पांच आदिवासी नेताओं को पद्मश्री सम्मान मिला है। साहा ने दावा किया कि चुनाव में भाजपा अपने दम पर 40 से 41 सीटों पर जीत हासिल करेगी। फोटो सौजन्य : टि्वटर
Edited By : Chetan Gour (भाषा)