संयुक्त राष्ट्र और उसके साझेदार संगठन ग़ाज़ा पट्टी में फिलिस्तीनी आबादी तक जीवनरक्षक सहायता पहुंचाने में तेजी ला रहे हैं, मगर मानवीय सहायता मार्ग पर थोपी गई पाबन्दियों और विशाल आवश्यकताओं की वजह से इन प्रयासों में जटिलताएं बनी हुई हैं। यूएन एजेंसी प्रमुख ऐमी पोप ने क्षोभ व्यक्त किया कि ग़ाज़ा में लोगों में अकल्पनीय पीड़ा को सहन किया है। ग़ाज़ा में 90 फ़ीसदी से अधिक आबादी विस्थापित होने का अनुमान है और इस वजह विशाल स्तर पर आश्रय सम्बन्धी सामान की आवश्यकता है। कम से कम 15 लाख लोगों को तत्काल आपात शरण सहायता की ज़रूरत है।
यूएन प्रवासन एजेंसी (IOM) ने 10 अक्टूबर को संघर्षविराम शुरू होने के बाद से अब तक ढाई हज़ार टैंट समेत 47 हज़ार से अधिक राहत सामान की खेप रवाना की है, ताकि तबाही से जूझ रहे परिवारों को जीवन फिर पटरी पर लाने में मदद मिल सके। यूएन एजेंसी प्रमुख ऐमी पोप ने क्षोभ व्यक्त किया कि ग़ाज़ा में लोगों में अकल्पनीय पीड़ा को सहन किया है।
आश्रय, कोई विलास नहीं है। इससे परिवारों को विश्राम मिलता है, निवास बनाए रखने और अपना जीवन फिर शुरू करने के लिए। हर व्यक्ति सुरक्षा व गरिमा में रहने का हक़दार है और मानवतावादी सहायता को हर स्थान पर, हर एक व्यक्ति तक पहुंचाना होगा।
ग़ाज़ा में 90 फ़ीसदी से अधिक आबादी विस्थापित होने का अनुमान है और इस वजह विशाल स्तर पर आश्रय सम्बन्धी सामान की आवश्यकता है। कम से कम 15 लाख लोगों को तत्काल आपात शरण सहायता की ज़रूरत है। IOM की शीर्ष अधिकारी ने बताया कि अनेक लोग जब अपने घरों को लौट रहे हैं तो उन्हें वहां केवल मलबा ही दिखाई दे रहा है। उन्होंने सचेत किया कि यहां पुनर्बहाली, बिना सुरक्षित आवास व्यवस्था के शुरू नहीं हो सकती है।
युद्धविराम के बावजूद, सामान पहुंचाने के लिए अनुमति में देरी, असुरक्षा और सीमित सीमा चौकियों के खुला होने की वजह से सहायता अभियान में अवरोध बरक़रार हैं। यूएन एजेंसी ने पड़ोसी देश जॉर्डन में लाखों की संख्या में राहत सामग्री को पहले से ही तैयार करके रखा है। 28 हज़ार से अधिक अतिरिक्त टैंट हैं और सर्दी के मौसम के लिए 40 लाख से अधिक सामान हैं, जिन्हें ज़रूरत होने पर तुरन्त रवाना किया जा सकता है।
10 लाख भोजन पैकेट
यूएन उप प्रवक्ता फ़रहान हक़ ने न्यूयॉर्क में यूएन मुख्यालय में जानकारी देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र अपने साझेदारों के साथ मिलकर भोजन, पोषण व जल सेवाओं को मज़बूती देने में जुटी है, जो कि 60 दिनों के लिए सहायता अभियान का हिस्सा है।
हमारे साझेदार अब पूरे ग़ाज़ा में हर दिन 10 लाख से अधिक गर्म भोजन वितरित कर रहे हैं। इसके अलावा, यूएन द्वारा समर्थित छह बेकरी में ब्रैड का उत्पादन शुरू हो गया है। ग़ाज़ा में 150 से अधिक पोषण केन्द्र स्थापित किए गए हैं, जिन्हें 20 सचल स्वास्थ्य व पोषण टीमों का समर्थन प्राप्त है। युद्धविराम शुरू होने से पहले की तुलना में यह दोगुनी संख्या है।
यूएन उप प्रवक्ता ने बताया कि केवल इसी सप्ताह के दौरान साझेदारों ने गम्भीर कुपोषण से पीड़ित 1,200 बच्चों के उपचार के लिए पौष्टिक भोजन वितरित किया है। इसके अलावा जल व साफ़-सफ़ाई सेवाओं के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। लाखों डाइपर व अन्य स्वच्छता सामग्री वितरित की गई है और 140 नए जल टैंक स्थापित किए गए हैं ताकि सामुदायिक स्तर पर जल आपूर्ति की जा सके।
फ़िलहाल, ग़ाज़ा में मानवीय सहायता को केरेम शलोम और किसुफ़िम सीमा चौकियों के ज़रिए ही पहुंचाया जा रहा है। उप प्रवक्ता फ़रहान हक़ ने और अधिक प्रयास किए जाने पर बल दिया है और इसराइल से अतिरिक्त चौकियां खोलने का आग्रह किया है, विशेष रूप से उत्तरी इलाके में।