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ग़ाज़ा में भुखमरी और व्यापक कुपोषण के बढ़ते प्रमाण

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, मंगलवार, 29 जुलाई 2025 (16:02 IST)
File Photo
संयुक्त राष्ट्र समर्थित खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों ने मंगलवार को चेतावनी दी है कि ‘ग़ाज़ा में भुखमरी की सबसे भयावह स्थिति अब सामने आ रही है’ यह चेतावनी, कार्रवाई की एक गम्भीर अपील के रूप में ऐसे समय आई है, जब क्षेत्र लगातार युद्ध की चपेट में है, विस्थापन चरम पर है और आवश्यक सेवाएँ लगभग पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं।

एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण (IPC) मंच के अनुसार, ग़ाज़ा के अधिकतर हिस्सों में भुखमरी के तीन में से दो मानक पार हो चुके हैं। ग़ाज़ा शहर में तेज़ी से बढ़ता कुपोषण, राहत एजेंसियों द्वारा बार-बार दी गई चेतावनियों की पुष्टि कर रहा है।

IPC की रिपोर्ट के मुताबिक लगातार मिल रहे सबूत दिखा रहे हैं कि भूख, कुपोषण और बीमारियों के कारण अब भूख से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है।

जिनीवा में पत्रकारों से बात करते हुए संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP)) के आपात निदेशक रॉस स्मिथ ने कहा,"यह एक स्पष्ट त्रासदी है, जो हमारी आंखों के सामने और टीवी स्क्रीन पर साफ़ दिख रही है। यह कोई चेतावनी नहीं है- यह एक कार्रवाई की पुकार है। इस सदी में हमने ऐसा कभी नहीं देखा है"

कई दिनों तक बिना भोजन : चेतावनी की पृष्ठभूमि बेहद गम्भीर है : IPC के अनुसार हर तीन में से एक व्यक्ति अब कई दिनों तक बिना खाना खाए रह रहा है। अस्पतालों पर भारी दबाव है और अप्रैल से अब तक 20,000 से अधिक बच्चों का तीव्र कुपोषण के लिए इलाज किया गया है।

जुलाई के मध्य से अब तक पांच साल से कम उम्र के कम से कम 16 बच्चों की मौत भूख से जुड़ी वजहों से हो चुकी है। यह चेतावनी मई 2025 की IPC रिपोर्ट के बाद आई है, जिसमें अनुमान लगाया गया था कि सितम्बर तक पूरी ग़ाज़ा आबादी भयावह खाद्य असुरक्षा के स्तर पर पहुंच सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार कम से कम 5 लाख लोग IPC चरण 5 (आपदा) में पहुंच सकते हैं, जिसका अर्थ होता है– भुखमरी, बेघर होना और मृत्यु।

यह संकट लगभग दो वर्षों से जारी उस संघर्ष से उत्पन्न हुआ है, जिसकी शुरुआत अक्टूबर 2023 में हमास द्वारा इसराइल पर किए गए आतंकी हमलों से हुई थी, जिनमें लगभग 1,250 लोग मारे गए और लगभग 450 लोगों को बंधक बना लिया गया था।

इसके बाद के भीषण सैन्य संघर्ष में ग़ाज़ा की स्वास्थ्य एजेंसियों के अनुसार अब तक 59,500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, और ग़ाज़ा का 70 प्रतिशत बुनियादी ढांचा नष्ट हो गया है। राहत एजेंसियों की पहले से जताई जा रही चिन्ताओं को दोहराते हुए, IPC मूल्यांकन ने पुष्टि की कि विस्थापन व्यापक स्तर पर हो रहा है और अब पूरे क्षेत्र का मात्र 12 प्रतिशत हिस्सा ही सुरक्षित बचा है।

तत्काल युद्धविराम : ग़ाज़ा की आबादी करीब 21 लाख है और उनमें से 90% से ज़्यादा लोग लोग विस्थापित हो चुके हैं, जिनमें से कई बार-बार बेघर हुए हैं। 18 मार्च को युद्धविराम खत्म होने के बाद से अब तक 7.6 लाख से ज़्यादा लोगों का विस्थापन हुआ है। मानवीय मदद पहुंचाना अब भी बहुत मुश्किल है- राहत ट्रकों को अक्सर रोक दिया जाता है या लूट लिया जाता है। इसराइल ने रविवार को ऐलान किया कि वह ग़ाज़ा में हर दिन कुछ समय के लिए राहत पहुँचाने की अनुमति देगा।

रिपोर्टों के मुताबिक 100 से ज़्यादा ट्रक रविवार को ग़ाज़ा में दाखिल हुए, लेकिन संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अभी भी ग़ाज़ा को बड़ी मात्रा में खाना, ईंधन और दवाइयां भेजे जाने की ज़रूरत है। दुनिया भर से युद्ध रोकने की अपीलों के बीच, IPC मंच ने भी तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम, मदद पहुंचाने की पूरी आज़ादी, और ज़रूरी सेवाओं की बहाली की मांग की है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर जल्दी मदद नहीं पहुंची, तो भारी संख्या में जानें जा सकती हैं। खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों ने नागरिकों, मानवीय कर्मियों और स्वास्थ्य, जल, स्वच्छता, सड़कों और संचार जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
Edited By: Navin Rangiyal 

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