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लेबनान: इजरायल की बमबारी के बीच ज़रूरतमन्द आबादी के लिए पहुंचीं मेडिकल सेवाएं

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UN

, सोमवार, 7 अक्टूबर 2024 (14:35 IST)
लेबनान ने बीती रात फिर से इसराइल द्वारा की गई भीषण बमबारी को झेला है और हमलों से बचने के लिए, जब आम नागरिक सीरिया से लगी सीमा पर पहुंच रहे थे तो वहां भी, तड़के बम गिरे, जिसके बाद उन्हें विशाल गड्ढों और मलबे से होकर चौकी को पार करना पड़ा।

पिछले 24 घंटों में दक्षिणी बेरूत में इसराइल के ज़मीनी सैन्य अभियान और हवाई हमलों में 37 लोगों की जान गई है और 151 घायल हुए हैं। विशाल मानवीय आवश्यकताओं के मद्देनज़र, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के लिए ज़रूरी सामान की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।

मध्य पूर्व व उत्तर अफ़्रीका के लिए यूएन शरणार्थी एजेंसी की वरिष्ठ संचार अधिकारी रुला अमीन ने बताया कि दो बड़े हमले हुए और सीरिया व लेबनान की सीमा के बीच एक बड़ा गड्ढा बन गया। वहां से होकर अब किसी वाहन का गुज़र पाना बहुत मुश्किल हो गया है।

उन्होंने जॉर्डन की राजधानी अम्मान से जानकारी देते हुए बताया कि मसना चौकी पर आम लोग लेबनान से भागने के लिए इतने हताश हैं कि उन्होंने ध्वस्त सड़क पर पैदल चलकर अपना रास्ता तय किया।

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के अनुसार पिछले 10 दिनों में लाखों लोगों ने इसी मार्ग से होकर सीरिया में प्रवेश किया है और 21 सितम्बर व 3 अक्टूबर के दौरान दो लाख 35 हज़ार लोग सड़क मार्ग से सीरिया पहुंचे हैं, जिनमें 82 हज़ार लेबनानी और क़रीब डेढ़ लाख सीरियाई नागरिक हैं।

इसी अवधि में 50 हज़ार लेबनानी और 10 हज़ार सीरियाई नागरिकों ने बेरूत हवाई अड्डे से अन्य देशों के लिए उड़ान भरी है, जबकि एक हज़ार ने समुद्री मार्ग का सहारा लिया है। लेबनान में 7 अक्टूबर 2023 के बाद से अब तक 10 लाख लोगों के विस्थापित होने की आशंका है।

ग़ाज़ा युद्ध शुरू होने के बाद से ही लेबनान और इसराइल के बीच टकराव भड़का हुआ है और दोनों को अलग करने वाली रेखा, ‘ब्लू लाइन’ पर गोलाबारी तेज़ हुई है। यूएन प्रवासन एजेंसी के आंकड़े दर्शाते हैं कि लेबनान में इसराइली सैन्य अभियान के बीच पिछले दो सप्ताह में चार लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

प्रवासी कामगारों की व्यथा : यूएन एजेंसी के अनुसार इनमें से एक लाख 65 हज़ार लोग देश भर में सामूहिक आश्रय स्थलों, जैसेकि स्कूलों में रह रहे हैं। बेरूत, बेक़ा घाटी समेत अन्य इलाक़ों में भीषण बमबारी के बीच विस्थापितों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

लेबनान में एक लाख 80 हज़ार से अधिक प्रवासी कामगार हैं, जिनमें से अनेक महिला घरेलू सहायक कर्मचारी हैं और उन्हें कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विशाल पैमाने पर हुए विस्थापन के कारण उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।

बताया गया है कि लेबनान में नियोक्ताओं (employers) द्वारा प्रवासी घरेलू कामगारों को छोड़ने की ख़बरें मिल रही हैं, वे या तो सड़क पर हैं या फिर उन घरों में हैं, जहां से परिवार जान बचाने के लिए अन्य स्थानों पर जा चुके हैं।

ये घरेलू कर्मचारी इथियोपिया, केनया, श्रीलंका, सूडान, बांग्लादेश और फ़िलिपीन्स से हैं और देश में जारी हिंसा से वे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। लेबनान में स्वास्थ्य मंत्रालय का का कहना है कि पिछले 24 घंटों में दक्षिणी बेरूत में इसराइली ज़मीनी सैन्य अभियान और हवाई हमलों में 37 लोगों की जान गई है और 151 घायल हुए हैं।

विशाल स्वास्थ्य ज़रूरतें : यूएन मानवीय सहायताकर्मियों और साझेदार संगठनों द्वारा लेबनान में स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, और बेरूत में एक मानवतावादी उड़ान के ज़रिए पर्याप्त स्तर पर चिकित्सा सामग्री भेजी गई है। मगर, साथ ही यह आशंका जताई गई है कि यदि हालात यूँ ही बिगड़ते रहे, तो सहायता अभियान के लिए एक विशाल चुनौती उत्पन्न हो सकती है।

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने सहायता आपूर्ति के साथ विमान के बेरूत में उतरने का स्वागत किया और बताया कि आने वाले दिनों में चोट, मानसिक स्वास्थ्य और हैज़ा से निपटने के लिए आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी।

सीरिया लौटने की पीड़ा : वहीं, जो लोग सुरक्षा की तलाश में वापिस सीरिया का रुख़ कर रहे हैं, उन्हें क्षतिग्रस्त घरों से लेकर बुनियादी सेवाओं की सीमित सुलभता समेत अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

यूएन शरणार्थी एजेंसी की रुला अमीन ने बताया कि लेबनान में शरणार्थियों को एक बेहद मुश्किल विकल्प चुनना पड़ रहा है: बढ़ते जोखिम के साथ लेबनान में रहा जाए या फिर सीमा पार करके सीरिया में प्रवेश किया जाए, जहाँ और जोखिम हो सकते हैं।

अक्टूबर 2023 के बाद से अब तक, यूएन शरणार्थी एजेंसी ने ज़रूरतमन्दों के लिए दो लाख 23 हज़ार से अधिक आवश्यक सामग्री वितरित की है और 70 हज़ार लोगों को नक़दी सहायता मुहैया कराई गई है।

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