संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवीय राहत अधिकारी ने मंगलवार को क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े और इसराइल में बढ़ती हिंसा को समाप्त करने का आहवान करते हुए चेतावनी दी कि पूरा क्षेत्र एक बड़े संकट की कगार पर है।
एक वक्तव्य में संयुक्त राष्ट्र आपातकालीन राहत समन्वयक, मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने उभरते संकट के स्तर और गति को भयावह बताया।
चार दिन पहले हमास और फ़लस्तीनी इस्लामी जिहाद द्वारा मध्य इसराइल पर हमले और जवाबी कार्रवाई में इसराइल द्वारा ताबड़तोड़ बमबारी व ग़ाज़ा पट्टी की पूर्ण घेराबन्दी के बाद से ही, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां चौबीसों घंटे वहां राहत कार्यों में लगी हैं।
युद्ध के नियमों का पालन करें : उन्होंने कहा कि सैकड़ों इसराइली मारे गए हैं और हज़ारों घायल हुए हैं। सैकड़ों लोगों को बंदी बनाया गया है और उनकी 'जान को भयावह ख़तरा है। इस बीच ग़ाज़ा में हुई भीषण बमबारी में सैकड़ों फ़लस्तीनी भी मारे गए हैं और हज़ारों घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि इससे विस्थापित परिवारों को शरण देने वाले घर स्वास्थ्य केंद्र और स्कूल प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को मेरा सन्देश स्पष्ट है: युद्ध के नियमों का पालन किया जाना चाहिए। बंदी बनाए गए लोगों के साथ मानवीय व्यवहार किया जाना चाहिए। बंधकों को तुरन्त रिहा करना चाहिए। मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने नागरिकों और नागरिक बुनियादी ढांचे की रक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नागरिकों को सुरक्षित क्षेत्रों की ओर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए और ग़ाज़ा में आने वाली मानवीय राहत एवं महत्वपूर्ण सेवाएं और आपूर्ति अवरुद्ध नहीं की जानी चाहिए।
ग़ाज़ा के लिए खाद्य सहायता : विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने मंगलवार को ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में 8 लाख से अधिक लोगों को महत्वपूर्ण खाद्य सहायता प्रदान करने के लिए कार्रवाई शुरु की। डब्ल्यूएफ़पी ने ग़ाज़ा में राहत एवं मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए एक मानवीय गलियारा स्थापित करने का आहवान किया और राहतकर्मियों एवं आवश्यक वस्तुओं के लिए बाधा रहित, सुरक्षित मार्ग देने की अपील की। इस क्षेत्र में 20 लाख से अधिक लोग रहते हैं और कम से कम 2 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं। इनमें से अधिकांश ने फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन राहत एजेंसी UNRWA द्वारा संचालित स्कूलों में आश्रय लिया है।
WFP को ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचने के लिए तत्काल मार्ग एवं वित्तपोषण की आवश्यकता है और इस गम्भीर स्थिति से निपटने के लिए अगले चार हफ़्तों में 17.3 करोड़ डॉलर जुटाने की अपील की गई है। काबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी समन्वयक, लिन हेस्टिंग्स ने कहा कि इसराइल ने पहले से ही पानी की कमी का सामना कर रहे ग़ाज़ा की जल आपूर्ति काट दी है।
बिजली भोजन और ईंधन तक पहुंच भी बंद कर दी गई है, जिससे 15 साल से अधिक के अवरोध के कारण पहले से ही गम्भीर मानवीय स्थिति, और बदतर हो गई है। अब बिजली दिन में केवल चार घंटे ही उपलब्ध है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं को चलाने व घायलों का इलाज करने में बाधा आ रही है।
उन्होंने बताया, काबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र और उसके मानवीय भागीदार, एक विशेष शरण स्थल की तीव्र ज़रूरतों को पूरा करने के लिए, ख़तरनाक परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। ग़ाज़ा में राहतकर्मियों और आपूर्ति की पहुंच भी बाधित कर दी गई है और तीव्र संघर्ष के कारण कर्मचारियों की सहायता पहुंचाने की क्षमता सीमित हो रही है”
Credit: UN News Hindi