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सूडान के अल फ़शर में भीषण अत्याचारों के बीच हजारों लोगों का पलायन

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, शुक्रवार, 7 नवंबर 2025 (19:37 IST)
सूडान के दारफ़ूर क्षेत्र में अल फ़शर शहर पर त्वरित समर्थन बल (RSF) के लड़ाकों का नियंत्रण होने के दौरान और उसके बाद किए गए अत्याचारों के बारे में कुछ जानकारी सामने आ रही है, जिसमें आनन-फ़ानन में लोगों की हत्याएं, बलात्कार, लूटपाट और अपहरण की घटनाएं शामिल हैं।
 
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) के प्रवक्ता सीफ़ मगांगो ने शुक्रवार को नैरोबी से जिनीवा में बताया पिछले सप्ताह जब से इस शक्तिशाली अर्धसैनिक समूह ने अल फ़शर शहर में एक बड़ा हमला किया, तब से आनन-फ़ानन में हत्याएं किए जाने, सामूहिक हत्याओं, बलात्कारों, मानवीय कार्यकर्ताओं पर हमलों, लूटपाट, अपहरण और जबरन विस्थापन की भयावह जानकारियां मिली हैं।
सीफ़ मगांगो ने कहा कि उन स्थानीय निवासियों से बहुत से सबूत प्राप्त हुए हैं जो शहर पर ESF के नियंत्रण के बाद दहशत में वहां से भाग गए थे। ये लोग लगभग 70 किलोमीटर दूर तवीला तक की ख़तरनाक यात्रा में जीवित बच सके, यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें पैदल चलने पर तीन से चार दिन लगते हैं।
 
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने बताया है कि 36 हज़ार से अधिक लोग तवीला की ओर पलायन कर चुके हैं जिनमें अधिकतर लोगों ने ये यात्रा पैदल ही तय की है।  अल फ़शर के पश्चिम में स्थित शहर तवीला में पहले से ही 6 लाख 52 हज़ार से अधिक विस्थापित लोग शरण लिए हुए हैं।
 
गम्भीर संकट
RSF लड़ाका संगठन 20 साल पहले दारफ़ूर संघर्ष की जनसंहारक हिंसा से उभरा था, जो अप्रैल 2023 से सूडानी सशस्त्र बलों (SAF) के साथ एक क्रूर युद्ध में उलझा हुआ है। सूडान का ये मौजूदा संकट दुनिया के सबसे बड़े मानवीय और विस्थापन संकटों में से एक बन गया है, जहां 5 करोड़ 10 लाख आबादी में से लगभग 1 करोड़ 40 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं।  अकाल दायरा बहुत व्यापक है और हैज़ा व अन्य घातक बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ रहा है।
आरएसएफ़ ने इस सप्ताह के शुरू में उत्तरी दारफ़ूर की राजधानी अल फ़शर पर 500 दिनों से अधिक की घेराबन्दी के बाद, सूडान की सेना को वहां से हटने के लिए मजबूर कर दिया था और अल फ़शर पर क़ब्ज़ा कर लिया था। सऊदी प्रसूति अस्पताल के अन्दर और दारा जाविला व अल-मटर इलाक़ों की इमारतों में मरीज़ों और घायल लोगों की हत्याएं किए जाने की दुखद खबरें आ रही हैं।
 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि कथित जनसंहार के दौरान 460 मरीज़ और उनके साथी मारे गए। सीफ़ मगांगो ने कहा, ये बेहद गम्भीर आरोप हैं, इन हत्याओं की परिस्थितियों को लेकर गम्भीर सवाल उठाते हैं, जबकि ये स्थान सुरक्षित होने चाहिए। उन्होंने न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र, पारदर्शी और त्वरित जांच का आह्वान किया।
OHCHR को ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे मानवीय सहायता सहयोगियों से यौन हिंसा की भी चिन्ताजनक ख़बरें मिली हैं। सीफ़ मगांगो ने कहा, जब आरएसएफ़ के लड़ाके अल फ़शर विश्वविद्यालय के पास विस्थापित लोगों के एक आश्रय गृह में घुसे तो कम से कम 25 महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। चश्मदीद गवाहों ने पुष्टि की है कि आरएसएफ़ के लोगों ने महिलाओं और लड़कियों को अलग किया और बन्दूक की नोक पर उनके साथ बलात्कार किया।
 
इस हिंसा के तरीक़े ने अल फ़शर में उन मानवीय कार्यकर्ताओं और स्थानीय स्वयंसेवकों को भी निशाना बनाया है जो कमज़ोर हालात वाले समुदायों की मदद कर रहे थे। सूडान में दो वर्ष के युद्ध ने लाखों लोगों के लिए मरणासन्न हालात उत्पन्न कर दिए हैं।
 
स्वास्थ्यकर्मियों पर भी हमले
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्वास्थ्य सुविधाओं और कर्मियों पर भी हमले किए जाने की ख़बरों की पुष्टि की है। साथ ही छह स्वास्थ्य कर्मियों का अपहरण किए जाने की निन्दा की है। सऊदी प्रसूति अस्पताल पर केवल अक्टूबर में ही पांच बार हमला हुआ है।
WHO ने पुष्टि की है कि इस वर्ष सूडान में 189 हमलों की पुष्टि हुई है, जिनके परिणामस्वरूप 1 हज़ार 670 लोगों की मौतें हुई हैं और 419 लोग घायल हुए हैं। WHO की मानवीय सहायता इकाई की मुखिया डॉक्टर टेरेसा ज़कारिया ने कहा, इन सभी हमलों से सम्बन्धित मौतों में से 86 प्रतिशतम मौतें केवल इसी वर्ष हुई हैं और यह दर्शाता है कि हमले और भी घातक होते जा रहे हैं।
 
धन की भारी कमी
डॉक्टर ज़कारिया ने कहा, सूडान मानवीय सहायता कार्रवाई योजना के लिए अब तक केवल 27.4 प्रतिशत ही राशि प्राप्त हो पाई है, जो कि 100 प्रतिशत से बहुत दूर है। उन्होंने कहा, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए ही वित्त पोषण 37 प्रतिशत है, इस तरह हम संसाधनों के मामले में बहुत संघर्ष कर रहे हैं। इसलिए हम अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से सूडान के लोगों को अकेला नहीं छोड़ने का आहवान कर रहे हैं, क्योंकि मुख्य भूमिका निभाने वाले हमारे सूडानी संगठन हैं, जो लगातार मुस्तैद हैं और सहायता प्रदान कर रहे हैं।
अल फ़शर पर कब्ज़ा किए जाने के साथ ही आरएसएफ़ का क्षेत्रीय नियंत्रण अब दारफ़ूर और सूडान के दक्षिण के कुछ हिस्सों तक फैल गया है, जबकि सूडानी सशस्त्र बल (SAF) का नियंत्रण राजधानी खारतूम और देश के उत्तरी व मध्य भाग के अधिकांश हिस्सों पर है।

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