इसराइल ने अपने क़ब्ज़े वाले क्षेत्र ग़ाज़ा में लोगों को अन्यत्र चले जाने के लिए गुरूवार को फिर से बेदख़ली आदेश जारी किए हैं जिनके बाद हज़ार लोग पश्चिमी इलाक़े अल मवासी की तरफ़ भागने को मजबूर हुए हैं।
इसराइल के इन बेदख़ली आदेशों से ख़ान यूनिस के पूर्वी और मध्यवर्ती इलाक़ों में रहने वाले लोग प्रभावित हुए हैं। इनके अलावा दियर अल-बलाह के अल सलक़ा इलाक़े के लोगों को भी अन्यत्र भागने के लिए विवश होना पड़ा है।
ग़ाज़ा में आबादी के विस्थापन की निगरानी कर रही यूएन एजेंसियों का कहना है कि आरम्भिक अनुमानों से संकेत मिलते हैं कि उन इलाक़ों में साढ़े 15 हज़ार से अधिक लोग रह रहे थे, जिनमें 30 से अधिक बस्तियां थीं
आम लोगों के लिए ज़िम्मेदारियां : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के उप प्रवक्ता फ़रहान हक़ ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में प्रेस वार्ता में कहा- हम एक बार फिर इस टकराव के सभी पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के अन्तर्गत अपनी ज़िम्मेदारियां निभाने का आग्रह करते हैं। इनमें आम लोगों और नागरिक वस्तुओं व ठिकानों का ख़याल रखा जाना भी शामिल है।
फ़रहान हक़ ने कहा- इन ज़िम्मेदारियों ने आम लोगों को सुरक्षित स्थानों के लिए जाने देना और हालात अनुकूल हों तो उन्हें वापिस लौटने देना भी शामिल है। लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचने देना बहुत आवश्यक है, चाहे वो सफ़र में हों या कहीं ठहरे हुए हों
पानी और गन्दगी निकासी की विवशताएं: इस बीच संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत समन्वय एजेंसी – OCHA ने कहा है कि ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी लोग, जल शुद्धिकरण और गन्दगी के नालों में पम्प ख़राब हो जाने के कारण, अनेक तरह के स्वास्थ्य जोखिमों का सामना कर रहे हैं।
जल शुद्धिकरण, स्वच्छता और साफ़-सफ़ाई के साधनों को बेहतर बनाने के प्रयास, जैनरेटरों की कमी और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की कमी के कारण बाधित हो रहे हैं। साथ ही, मौजूदा जैनरेटरों के पुर्ज़े ख़राब होना भी एक बड़ी समस्या है।
OCHA ने कहा है कि ईंधन की कमी भी एक बड़ी चुनौती है। ग़ाज़ा में पानी, स्वच्छता और साफ़-सफ़ाई सेवाओं को समर्थन देने के लिए काम कर रहे मानवीय सहायता कर्मियों को जुलाई में केवल 75 हज़ार लीटर ईंधन मिल पाया था।
वैसे तो यह मात्रा, जून महीने में मिले ईंधन की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक थी मगर ये मात्रा न्यूनतम संचालन ज़रूरत की भी केवल 70 प्रतिशत ही थी।
खाद्य वितरण ठप : विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने चेतावनी दी है कि ग़ाज़ा में मौजूदा युद्धक गतिविधियां, टूटी-फूटी सड़कों और सार्वजनिक व्यवस्था व सुरक्षा के बिखर जाने से खाद्य परिवहन अभियानों में गम्भीर बाधा उत्पन्न हुई है, जिससे खाद्य वितरण की सामग्री को कम करना पड़ा है।
यूएन खाद्य सहायता एजेंसी ने कहा है कि उसे ग़ाज़ा सिटी और उसके उत्तरी इलाक़े में ईंधन की अधिक आपूर्ति और अधिक खाद्य सामग्री व तैयार भोजन ख़ुराक की अधिक क्षमता की सख़्त ज़रूरत है।
विश्व खाद्य कार्यक्रम ने ग़ाज़ा में जुलाई महीने के दौरान लगभग 10 लाख लोगों तक खाद्य सहायता पहुंचाई थी, मगर एजेंसी ने ज़ोर दिया है कि युद्ध, इसराइल द्वारा जारी बेदख़ली आदेशों और बुनियादी ढांचे को भारी नुक़सान के कारण खाद्य सामग्री के वितरण केन्द्रों में बहुत बाधाएं आ रही हैं।
एजेंसी ने आगाह किया है कि अगर जल्द ही ग़ाज़ा में दाख़िल होने के लिए और अधिक सीमा चौकियां नहीं खोली जाती हैं और मानवीय सहायताकर्मियों को बड़ी संख्या और पैमाने पर लोगों तक सुरक्षित रूप में पहुंचने की अनुमति नहीं मिलती है तो वो ज़रूरत के अनुसार पर्याप्त खाद्य सामग्री का इन्तेज़ाम नहीं कर सकती है।
यूएन खाद्य सहायता एजेंसी (WFP) का अनुमान है कि हिंसा में आई तेज़ी से खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे लोगों की संख्या बढ़कर छह लाख तक पहुंच सकती है, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग साढ़े तीन लाख अधिक होगी।
Edited by Navin Rangiyal