नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को मोदी सरकार 2.0 का दूसरा बजट पेश करते हुए डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) को खत्म किए जाने की घोषणा की। इस टैक्स को खत्म किए जाने से सरकार को करीब 25,000 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान होगा।
डीडीटी में कटौती की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। इस वजह से निवेशकों को 3.46 लाख करोड़ रुपए की चपत लगी।
क्या होता है DDT : जब कोई कंपनी अपने शेयरधारकों को लाभांश या डिविडेंड देने का ऐलान करती है तो उस पर सरकार 20.35 फीसदी टैक्स (सेस और सरचार्ज मिलाकर) वसूलती है। इस टैक्स की वजह से निवेशकों को लाभांश की कम रकम मिलती है।
क्या होगा असर : पहले कंपनियों को डिविडेंट पर डिविडेंट डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स देना होता था और शेयरधारकों को मिलनेवाली यह रकम टैक्स के दायरे से बाहर थी। अब शेयरधारकों को टैक्स देना होगा जबकि कंपनियों को इससे राहत मिल गई है। अब यह रकम शेयरधारकों की कुल आय में जुड़कर टैक्स का जोखिम बढ़ाएगी।
कंपनियों को 15% की दर से टैक्स देना होता था। इसके अलावा इस पर अधिभार और उपकर लगता है। यह कंपनी द्वारा लाभ पर दिए गए कर के अतिरिक्त होता है। जबकि निवेशकों को टैक्स स्लैब के अनुसार अलग अलग दर पर टैक्स देना होगा।