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Budget 2020: अगले 5 साल में स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाली दुनिया में पहली होगी भारतीय रेल

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, शनिवार, 1 फ़रवरी 2020 (19:07 IST)
नई दिल्ली। भारतीय रेल अगले 5 साल में दुनिया की पहली ऐसी रेल बन जाएगी, जो पूरी तरह से स्वच्छ ऊर्जा से चलेगी तथा 10 साल में खपत की दोगुनी से अधिक 10 गीगावॉट सौर एवं पवन ऊर्जा का उत्पादन करने लगेगी।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने केंद्रीय बजट में रेलवे के वास्ते आवंटन का विवरण देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बजट में रेलवे लाइनों के किनारे एवं अन्यत्र रेलवे भूमि पर सौर ऊर्जा उत्पादन की बात कही गई है।
 
रेलवे लाइनों के किनारे 51 हजार हैक्टेयर भूमि खाली पड़ी है। इसका इस्तेमाल करके 10 गीगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो सकता है। वर्ष 2020-21 में ही 1.2 गीगावॉट का उत्पादन होने लगेगा जिसमें 1 गीगावॉट सौर ऊर्जा एवं 200 मेगावॉट पवन ऊर्जा शामिल है।
 
उन्होंने कहा कि भारतीय रेल को कुल 3.8 गीगावॉट बिजली की जरूरत है। अगले कुछ साल में भारतीय रेलवे पूरी तरह से स्वच्छ ऊर्जा से चलने लगेगी। उन्होंने बताया कि रेलवे की स्वच्छ ऊर्जा को सीधे ट्रैक्शन एवं ग्रिड में दी जाएगी। विभिन्न राज्यों से बात चल रही है कि रेलवे की सौर ऊर्जा को वे दिन में राज्य की ग्रिड में ले लें और रात में जरूरत पड़ने पर रेलवे को दे दें।
 
उन्होंने कहा कि रेलवे की ब्रॉडगेज लाइन 64,298 किलोमीटर की है जिसमें 37,942 किलोमीटर लाइन का विद्युतीकरण हो चुका है और 26,356 किलोमीटर लाइन का विद्युतीकरण 2023-24 तक हो जाएगा। तब तक खपत लायक स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन भी होने लगेगा। बजट में अगले वित्त वर्ष रेलवे की 27 हजार किलोमीटर लाइनों के विद्युतीकरण का लक्ष्य है।
 
उन्होंने बजट में 4 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लक्ष्य की चर्चा करते हुए कहा कि नागपुर, ग्वालियर, भुवनेश्वर एवं साबरमती के अलावा 10 और स्टेशनों के पुनर्विकास की निविदा जारी की जाएगी जिनमें नई दिल्ली और मुंबई छत्रपति शिवाजी टर्मिनस शामिल है।
 
उन्होंने यह भी बताया कि निजी ऑपरेटरों के लिए 150 ट्रेनें चलाने की योजना को लेकर सोमवार को संभावित पक्षकारों की एक बैठक बुलाई गई है और 15 दिनों में अभिरुचि पत्र का दस्तावेज जारी कर दिया जाएगा। निजी ऑपरेटरों में विदेशी ऑपरेटर भी शामिल हो सकते हैं और इसके लिए विदेशी रैक भी लाए जा सकते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि जाने-माने उद्योगपति टाटा समूह ने निजी ट्रेन चलाने के बारे में खासी दिलचस्पी जाहिर की है।

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