नई दिल्ली। श्रम बाजार और रोजगार क्षेत्र सुधार दर्ज करते हुए कोविड-पूर्व के दौर से भी बेहतर स्थिति में आ गया है। मंगलवार को संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2022-23 में कहा गया कि दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान समेत पिछले कुछ सालों में किए गए प्रयासों के कारण ऐसा हो सका। इस दौरान ईपीएफओ) के सदस्यों की संख्या भी बढ़ी है।
समीक्षा में कहा गया कि मांग और आपूर्ति के आंकड़ों के अनुसार श्रम बाजार शहरी और ग्रामीण- दोनों क्षेत्रों में कोरोना-पूर्व दौर से भी बेहतर स्थिति में है। तिमाही शहरी रोजगार आंकड़े कोविड-पूर्व दौर से भी बेहतर हो गए हैं। समीक्षा के मुताबिक बेरोजगारी दर जुलाई-सितंबर 2019 में 8.3 से घटकर जुलाई-सितंबर 2022 में 7.2 प्रतिशत रह गई है। ईपीएफओ की सूची रोजगार के बेहतर आंकड़ों को दर्शा रही है। इसके मुताबिक रोजगार पाने वालों में अधिकतर युवा हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाताधारकों की संख्या वित्त वर्ष 2021-22 में सालाना आधार पर 58.7 प्रतिशत बढ़ी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों की संख्या में शुद्ध औसत मासिक वृद्धि अप्रैल-नवंबर 2021 में 8.8 लाख से बढ़कर अप्रैल-नवंबर 2022 में 13.2 लाख हो गई।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta