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new tax regime 2025 : 12 लाख रुपए सालाना आय पर नहीं लगेगा कोई कर, 1 करोड़ लोग टैक्स के दायरे से हो जाएंगे बाहर

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , शनिवार, 1 फ़रवरी 2025 (17:05 IST)
new tax regime 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को गति देने के उद्देश्य से एक तरफ जहां मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपए की सालाना आय पर कर छूट की घोषणा की है। दूसरी ओर बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने समेत अगली पीढ़ी के सुधारों को तेज करने का प्रस्ताव किया है। सीतारमण की इस घोषणा से करीब 1 करोड़ और लोग कर के दायरे से बाहर हो जाएंगे। चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।
 
नई स्लैब में मिलेगी छूट : बजट में विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चार इंजन...कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात...को चिन्हित किया गया है। सीतारमण ने नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय को पूरी तरह से आयकर से छूट देने की घोषणा की। साथ ही कर स्लैब में भी बदलाव किया है। आयकर छूट नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले आयकरदाताओं को मिलेगी। वेतनभोगी करदाताओं के लिए 75,000 रुपए की मानक कटौती के साथ अब 12.75 लाख रुपए पर कोई कर नहीं लगेगा।
क्या कहा वित्त मंत्री ने : वित्त मंत्री ने बजट के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि 12 लाख रुपए की आय पर कर छूट की घोषणा से करीब एक करोड़ और लोग कर के दायरे से बाहर हो जाएंगे। सीतारमण ने संसद में 2025-26 का बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘नई कर व्यवस्था में छूट के माध्यम से मध्यम वर्ग के करों में काफी कमी आएगी और उनके हाथ में अधिक पैसा बचेगा, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।’’
 
वरिष्ठ नागरिकों को तोहफा : उन्होंने कहा कि विकसित भारत की दिशा में लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और मांग हमारे प्रमुख समर्थक स्तंभ हैं। मध्यम वर्ग भारत की वृद्धि को ताकत प्रदान करता है...उनके योगदान को देखते हुए, हमने उनके कर के बोझ को समय-समय पर कम किया है। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कर छूट सीमा को मौजूदा 50,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए किया गया है।
 
बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई : सीतारमण ने लोकसभा में अपना लगातार आठवां बजट पेश करते हुए अगली पीढ़ी के सुधारों का खाका भी पेश किया। उन्होंने बीमा क्षेत्र में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेश निवेश) की सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने के साथ ही कर कानूनों को सरल बनाने का भी प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि सरकार कराधान, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र, बिजली और नियामकीय ढांचा जैसे छह क्षेत्रों में सुधारों की शुरुआत करेगी।
 
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार के पिछले 10 साल के विकास के ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ और संरचनात्मक सुधारों ने वैश्विक स्तर पर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि इस बजट का लक्ष्य पहले पांच वर्षों के दौरान छह क्षेत्रों... कराधान, बिजली क्षेत्र, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र और नियामकीय क्षेत्र में परिवर्तनकारी सुधार शुरू करना है। ये हमारी वृद्धि क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएंगे। 
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आयकर पर सरल कानून : कर मोर्चे पर सुधार के तहत सीतारमण ने आयकर प्रावधानों के नियमन संबंधी छह दशक पुराने कानून की जगह एक सरल कानून लाने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि नए आयकर कानून में ‘न्याय’ की भावना होगी और यह ‘पहले विश्वास करो, बाद में जांच करो’ के सिद्धांत पर काम करेगा।
 
उन्होंने बजट में की गई तमाम घोषणाओं के बावजूद राजकोषीय मजबूती की राह को नहीं छोड़ा है। वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे के अनुमान को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.4 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया गया है। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए सरकार अगले वित्त वर्ष में बाजार से 11.54 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेगी।
 
वित्त मंत्री ने पूंजीगत व्यय का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार अगले वित्त वर्ष में 11.21 लाख करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय करेगी। सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय का बजट अनुमान रखा था लेकिन संशोधित अनुमानों के मुताबिक, व्यय 10.18 लाख करोड़ रुपए रहेगा।
 
सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में कुल व्यय 50.65 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। वहीं शुद्ध कर प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपए रहने की संभावना है। उधारी को छोड़कर कुल प्राप्तियां 34.96 लाख रुपए रहने का अनुमान है।
 
इसके साथ, वित्त वर्ष 2024-25 में कुल व्यय का संशोधित अनुमान 47.16 लाख करोड़ रुपए रखा गया है, जिसमें पूंजीगत व्यय 10.18 लाख करोड़ रुपए है। कर्ज के अलावा कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान 31.47 लाख करोड़ रुपए है, जिसमें शुद्ध कर प्राप्तियां 25.57 लाख करोड़ रुपए हैं। इनपुट भाषा (Edited by: Sudhir Sharma)

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