Finance Minister Nirmala Sitharaman News : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025-26 में कई क्षेत्रों और राज्यों के लिए आवटंन में कटौती के विपक्ष के आरोपों को निराधार करार देते हुए बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि आयकर सीमा बढ़ाने सहित बजट में घोषित विभिन्न उपायों से मध्यम वर्ग के लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में प्रभावी पूंजीगत व्यय 19.80 लाख करोड़ रुपए रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि चर्चा में कुछ सदस्यों ने विभिन्न क्षेत्रों में बजटीय आवंटन घटाने की बात की थी। वित्तमंत्री ने इन आशंकाओं को निर्मूल करार देते हुए कहा कि क्षेत्रवार बजट आवंटन में कोई कमी नहीं की गई है।
सीतारमण ने कहा कि उच्च सदन में आम बजट पर चर्चा में 90 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि बजट में उन सभी समस्याओं को ध्यान में रखा गया है जो आज देश के समक्ष हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों द्वारा ली जा रही उधारी के कारण ब्याज का बोझ एक समस्या है। उन्होंने कहा कि इससे उबरने के लिए बुद्धिमत्ता से राजकोषीय प्रबंधन करना आवश्यक उपाय है।
वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस बार बजट इस प्रकार बनाया है, जिससे विकास को गति मिल सके, समावेशी विकास को हासिल किया जा सके, निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिल सके, गृहस्थ लोगों की भावनाओं को बल दिया जा सके तथा भारत के बढ़ते मध्यम वर्ग की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से क्रय शक्ति बढ़ाई जा सके।
उन्होंने कहा कि बजट में चार वर्गों-गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारी पर विशेष ध्यान दिया गया है ताकि पूरी अर्थव्यवस्था को बल मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं में इन वर्गों का ध्यान रखा गया है ताकि उन्हें लाभ मिल सके। सीतारमण ने कहा कि बजट में पूंजीगत व्यय पर पूरा ध्यान रखा गया है। उन्होंने पिछले साल के आंकड़े देते हुए कहा कि आगामी वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय में कोई कमी नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में प्रभावी पूंजीगत व्यय 19.80 लाख करोड़ रुपए रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि चर्चा में कुछ सदस्यों ने विभिन्न क्षेत्रों में बजटीय आवंटन घटाने की बात की थी। वित्तमंत्री ने इन आशंकाओं को निर्मूल करार देते हुए कहा कि क्षेत्रवार बजट आवंटन में कोई कमी नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.71 लाख करोड़ रुपए, ग्रामीण विकास के लिए 2.67 लाख करोड़ रुपए, शहरी विकास एवं परिवहन के लिए 6.45 लाख करोड़ रुपए, शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए 2.27 लाख करोड़ रुपए तथा रक्षा क्षेत्र के लिए 4.92 लाख करोड़ रुपए (इसमें रक्षा क्षेत्र का पेंशन व्यय शामिल नहीं है) का बजट आवंटन किया गया।
उन्होंने कहा कि 2025-26 में राज्यों को दिए गए कुल संसाधनों का मूल्य 25.01 लाख करोड़ रुपए होगा और इस प्रकार इसमें 4.92 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि होगी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour