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यूपी की जीत-हार पर सट्टा बाजार भी खामोश

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, मंगलवार, 14 फ़रवरी 2017 (12:13 IST)
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होने के बाद सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं। अखबार और समाचार चैनल्स भी अपने-अपने हिसाब से जीत-हार का अनुमान लगाने में जुटे हैं, लेकिन इन सबसे अलग एक ऐसा पक्ष है जिसे पूरी तरह निष्पक्ष और विश्वसनीय माना जाता है, लेकिन वह अभी खामोश है। 
 
यूपी के चुनाव नतीजे इतने कश्मकश भरे हैं कि हर बार प्रत्याशियों पर एक बड़ी रकम लगाने वाला सट्‍टा बाजार ही यह तय नहीं कर पा रहा है कि किस प्रत्याशी, पार्टी पर पैसा लगाएं, ना लगाएं। इसलिए फिलहाल स्थिति यह है कि जिन सीटों पर मतदान हो गया है, उनको लेकर भी सट्टा बाजार में उनकी बुकिंग शुरू नहीं हो सकी। बाजार अभी तक यह तय नहीं कर पा रहा है कि कौन जीत सकता है और किसके हारने की आशंका ज्यादा है।
 
लेकिन, इसके बावजूद सट्टेबाजों को उम्मीद है कि जल्द ही रुझान मिलेंगे और दांव लगना शुरू हो जाएंगे। पहले चरण के दौरान कई जिलों में रेकॉर्ड मतदान हुआ और अब तक के औसत से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया। सट्टा बाजार पर नजर बनाए रखने वालों का कहना है कि अनुभवी सट्टेबाज भी फिलहाल उलझन में हैं। सट्टा लगाने से पहले सभी जी-तोड़ मेहनत कर राजनीतिक रुझान को भांपने की कोशिशों में जुटे हैं। ऐसे लोग जो कि पिछले कई चुनावों में जीत-हार का अनुमान लगाकर शर्त लगाया करते थे, वे भी अभी चुप बैठे हैं। 
 
एक सूत्र का दावा है कि सट्टेबाजों को लग रहा है कि कोई भी उम्मीदवार बड़े अंतर से नहीं जीतेगा। जीत-हार के बीच बहुत ज्यादा फासला ना होने का अनुमान लगाया जा रहा है। बाजार के एक सूत्र का कहना है कि बुकीज ताजा रुझानों के लिए अपने खबरियों से संपर्क कर रहे हैं। कई बुकीज तो ऐसे हैं जो कि लोगों से राजनीतिक माहौल और प्रत्याशियों की किस्मत, ज्योतिषियों की भविष्यवाणी को लेकर भी बातचीत कर रहे हैं ताकि अनुमान लगाने में मदद मिले। 
 
फिलहाल सच यह है कि किसी को भी अंदाजा नहीं है कि क्या होने वाला है। सट्टा बाजार में जिन प्रत्याशियों के जीतने की सबसे ज्यादा उम्मीद होती है, उनकी कीमत सबसे कम लगती है। एक अन्य सूत्र ने बताया कि सट्टा बाजार के माहौल में बहुत अनिश्चितता है। कोई भी आगे बढ़कर इस चुनाव के बारे में कोई अनुमान नहीं लगाना चाहता है। अभी तो सब इंतजार कर रहे हैं। 
 
कई बुकीज तो विजेताओं के नामों को लेकर अनुमान जताने में बहुत अच्छे हैं। कई ऐसे हैं जिनके पास दशकों लंबा अनुभव है, लेकिन ऐसे अनुभवी बुकीज भी फिलहाल कुछ नहीं बता पा रहे हैं। अगर उनके जैसे लोग अनिश्चित हैं, तो आप स्थिति की कल्पना कर सकते हैं कि स्थिति कितनी विकट है।

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