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बागी बन सकते हैं सपा प्रत्याशियों की मुसीबत का कारण

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लखनऊ। उत्तरप्रदेश में कई सीटों पर सपा उम्मीदवारों को चुनौती दे रहे बागी प्रत्याशी पार्टी के लिए मुसीबत की वजह बन सकते हैं। यादव परिवार की अंतरकलह का जमीनी स्तर पर  कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश नहीं गया है और वे भ्रमित हैं कि किसका समर्थन करें और किसका नहीं? 
शिवपाल यादव खेमे के करीबी समझे जाने वाले कई नेताओं को टिकट नहीं मिला और उनकी  जगह नए चेहरे लिए गए। इससे असंतोष उपजा और यही असंतोष लगभग आधे चुनाव बीत  जाने के बाद भी नजर आ रहा है। इस घटनाक्रम ने बागियों को सिर उठाने का मौका दिया, जो  सपा प्रत्याशियों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे हैं। 
 
सपा और कांग्रेस के बीच ऐन चुनाव से पहले गठजोड़ ने टिकटार्थियों के मन में भ्रम गहरा कर  दिया। गठजोड़ के समय नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। सपा ने 403  सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को समझौते के तहत 105 सीटें दे दीं लेकिन समझौते के तहत  कांग्रेस को गईं सीटों पर कई टिकटार्थी बागी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। 
अखिलेश यादव कैबिनेट में मंत्री रहे अंबिका चौधरी, नारद राय और विजय मिश्र ने बसपा का  दामन थामा तो एक अन्य मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल रालोद में शामिल हो गए। अंबिका और  नारद को क्रमश: फेफना (बलिया) और बलिया सदर सीटों से बसपा ने प्रत्याशी बना दिया।  गाजीपुर से वर्तमान विधायक मिश्र चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन वहां बसपा प्रत्याशी का  समर्थन कर रहे हैं। 
 
एक अन्य मंत्री शादाब फातिमा को भी जहूराबाद (गाजीपुर) से टिकट नहीं दिया गया। फातिमा  चुनाव नहीं लड़ रही हैं लेकिन उनकी चुप्पी सपा के नए प्रत्याशी की जीत की संभावनाओं को  प्रभावित कर सकती है। बागियों से कोई मुश्किल पेश आने की बात से इंकार करते हुए सपा के  मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने हालांकि कहा कि विरोधी खेमों में भी बेहतर हालात नहीं हैं। 
 
जिन विधायकों का टिकट कटा, उनमें अलीगढ़ के कोली से हाजी जमीरुल्लाह खां शामिल हैं  जिनकी जगह अज्जू इशाक को टिकट दिया गया। मुरादाबाद ग्रामीण सीट पर शमीमुल हक की  जगह हाजी इकराम कुरैशी को टिकट मिला। 
 
अमरोहा के नौगावां सदर सीट पर अशफाक खान की जगह जाविद आबिदी को प्रत्याशी बनाया  गया जबकि शाहाबाद हरदोई में सैयद अहमद बाबू खान की जगह सरताज खान को उम्मीदवार  बनाया गया। आजमगढ़ की गोपालपुर सीट से वसीम अहमद और सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज  से कमाल यूसुफ को टिकट नहीं मिला। 
 
सीतापुर में महेन्द्र सिंह का टिकट कट गया। सेवता सीट से रामप्रकाश गुप्ता को प्रत्याशी बनाया  गया जबकि सीतापुर में ही विधायक रामपाल यादव लोकदल में शामिल हो गए और अब उसी  पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। 
 
एटा सदर सीट पर आशीष यादव को सपा ने प्रत्याशी नहीं बनाया। आशीष अब रालोद के टिकट  पर इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। आशीष की जगह सपा ने इस सीट पर जुगेश्वर यादव को  उम्मीदवार बनाया है। 
 
फिरोजाबाद में ओमप्रकाश वर्मा की जगह संजय यादव, जसराना सीट पर रामवीर यादव की  जगह शिवप्रताप यादव को टिकट दिया गया। रामवीर निर्दलीय लड़ रहे हैं। शिकोहाबाद सीट पर  रामप्रकाश यादव महरु निर्दलीय लड़ रहे हैं। (भाषा)

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