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क्या प्रतापगढ़ में हैट्रिक लगा पाएंगे विनोद सरोज

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संदीप श्रीवास्तव

प्रतापगढ़ जिले की बाबागंज सुरक्षित विधानसभा जिस पर राजा रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजाभैया के वर्चस्प की विधानसभा कहा जाता है, साथ ही ये भी कहावत है कि राजाभैया जिसे चाहते हैं वही यहां से जीत सकता है, किन्तु कोई भी इस विधानसभा के इतिहास में अभी तक हैट्रिक नहीं लगा सका, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में राजाभैया के आशीर्वाद से विगत दो बार के विधानसभा चुनाव के विजेता विनोद सरोज को राजाभैया इस बार के भी विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा है। 
बाबागंज विधानसभा पहले बिहार विधानसभा के नाम से जाना जाता था जिसे अब बाबागंज विधानसभा कहा जाता है। अभी तक के इस विधानसभा के इतिहास की बात करें तो तीन बार चुनाव तो कई ने जीते लेकिन लगातार किसी ने तीन बार चुनाव नहीं जीता। जिनमें रामस्वरूप भारती ने भी तीन बार चुनाव जीता, लेकिन लगातार नहीं, वे वर्ष 1962 व 1967 का चुनाव जीते और 1969 का चुनाव हार गए, फिर वे 1974 का चुनाव जीते, पर हैट्रिक नहीं लगा सके।
 
इसी प्रकार कांग्रेस के सरयू प्रसाद सरोज भी वर्ष 1980 व 1985 का चुनाव जीते किन्तु 1989 का चुनाव हार गए। इनका भी सपना टूट गया। राजाभैया ने रामनाथ सरोज को अपने संरक्षण व आशीर्वाद के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में वर्ष 2002 व 2007 का चुनाव लड़वाया जिसमें उन्‍हें रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल हुई, किन्तु तीसरा विधानसभा चुनाव लड़ने से पूर्व ही रामनाथ सरोज का निधन हो गया। 
 
अब राजाभैया ने विनोद सरोज पर भरोसा करते हुए इस बार 2017 के चुनाव में भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बाबागंज विधानसभा से उन्‍हें प्रत्याशी बनाया है जिन्हें सपा व कांग्रेस का भी समर्थन हासिल है जिनके सामने प्रतिद्वंदी के रूप में भाजपा के पवन गौतम हैं, जिन्हें स्वामी प्रसाद मोरिया का करीबी कहा जाता है। 
 
यह भी कह सकते हैं कि स्वामी की प्रतिष्ठा दांव पर है। वहीं दूसरी ओर बसपा ने दयाराम पासी को प्रत्याशी बनाया है। इस विधानसभा से अगर विनोद को जीत हासिल होती है तो वे इस विधानसभा के इतिहास में पहले विधायक होंगे, जो अपनी जीत की हैट्रिक बनाएंगे, जो कि हमेशा के लिए पत्थर की लकीर साबित होगी।
 

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