बाराबंकी/पीलीभीत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को उत्तरप्रदेश में सपा-बसपा शासन को 'आतंकवाद का हॉटस्पाट' (आतंकवाद का केंद्र) करार देते हुए दावा किया कि भाजपा सरकार के पांच वर्षों में न कोई आतंकवादी घटना हुई, न कोई दंगा हुआ और माफिया भी कहीं नहीं दिखाई देता।
बाराबंकी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि सपा और बसपा के शासन में,पूरे देश में उत्तर प्रदेश आतंकवाद के केंद्र (आतंकवाद का हॉटस्पाट) के रूप में जाना जाता था। देशभर में उत्तर प्रदेश दंगों का केंद्र माना जाता था और माफियाओं का कॉरिडोर माना जाता था। उन्होंने दावा किया कि पिछले पांच साल में भाजपा की सरकार के दौरान न तो कोई आतंकवादी घटना हुई, न कोई दंगा हुआ और न ही माफिया कहीं भी दिखाई देता है।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि 'सपा शासन में उत्तर प्रदेश में निजाम का शासन चलता था। अखिलेश (यादव) जी के निजाम का मतलब है, नसीमुद्दीन, इमरान मसूद, आजम खान, मुख्तार अंसारी। योगी सरकार में बाहुबली आज जेल में हैं। अगर गलती से भी सपा सरकार आई, तो बाहुबली बेल पर बाहर आ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा आतंकवाद के खिलाफ कत्तई बर्दाश्त नहीं की नीति के साथ शासन करती है। हमारा संकल्प है कि आतंकवाद फैलाने वाला कोई भी हो, किसी भी मजहब या जाति का हो, आतंकवाद को इस देश और दुनिया से जड़ से उखाड़ कर फेंक देना चाहिए। शाह ने आरोप लगाया कि देश की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को सपा और कांग्रेस ने निर्बल करने का प्रण लिया है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए शाह ने आरोप लगाया कि अखिलेश जी जो चश्मा पहनते हैं, उसके एक लेंस से उन्हें सिर्फ जाति दिखाई पड़ती है और दूसरे लेंस से धर्म दिखाई पड़ता है। इसके अलावाा कुछ भी दिखाई नहीं देता। केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सबका साथ-सबका विकास की नीति ही उत्तर प्रदेश का भला कर सकती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आतंकी गतिविधियों के आरोपी खालिद मुजाहिद और तारिक कासमी पर लगे केस सपा सरकार ने वापस लिए थे। योगी सरकार में तारिक कासमी को आजीवन कारावास की सजा हुई।” केंद्रीय गृह मंत्री ने आरोप लगाया, “खालिद मुजाहिद लू लगने के कारण मर गया, तो अखिलेश सरकार ने 42 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। बाराबंकी में पांचवें चरण में 27 फरवरी को मतदान होगा।
इससे पहले पीलीभीत में आतंकवाद के मुद्दे पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) को कठघरे में खड़ा करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि इन दोनों दलों ने देश में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने का प्रण लिया है।
शाह ने पीलीभीत में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभा में आरोप लगाया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने हालिया साक्षात्कार में आतंकवाद के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कहा था कि ऐसी फिजूल बातों के लिए उनके पास वक्त नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि माताओं-बहनों आप एक बात का फैसला कर लीजिए कि एक ओर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का कहना है कि आतंकवाद पर रोक लगाना फिजूल बात है, दूसरी ओर उनके नेता सलमान खुर्शीद कहते थे कि अहमदाबाद के बम धमाकों में पकड़े गए सिमी के लोग बेगुनाह हैं, उनको छोड़ देना चाहिए। उन्होंने उनकी पैरवी भी की।
शाह ने समाजवादी पार्टी को भी घेरते हुए दावा किया कि अखिलेश जब सत्ता में आए तो उन्होंने संकट मोचन मंदिर पर बम धमाके और लखनऊ में बम धमाके के आरोपियों को छोड़ने का प्रयास किया था। वह तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दखल दे दिया तो रुक गया वरना सारे आतंकवादी छूट जाते।
उन्होंने कहा कि वोट की लालच में जो देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते हैं, क्या ऐसे लोगों को वोट देना चाहिए। कांग्रेस और सपा ने मिलकर इस देश में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने का प्रण लिया है।
शाह की रैली के दौरान स्थानीय भाजपा सांसद वरुण गांधी मौजूद नहीं थे। इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुनावी रैलियों में भी वह शामिल नहीं हुए थे। वरुण ने पिछले दिनों किसानों के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ कड़े तेवर अख्तियार किए थे।
पीलीभीत में बड़ी संख्या में मौजूद सिख समुदाय को लुभाने की कोशिश करते हुए गृह मंत्री ने कहा "महान सिख गुरुओं के बलिदान को कौन भुला सकता है। गृह मंत्री ने केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि गरीबों और वंचितों की सच्ची हितैषी भाजपा ही है, अगर सपा सत्ता में आई तो फिर से गुंडागर्दी छा जाएगी। पिछले पांच साल में योगी ने चुन-चुन कर माफियाओं का सफाया कर दिया है।
उन्होंने कहा कि आज आप बताइए अतीक अहमद, आजम खान और मुख्तार अंसारी कहां हैं। क्या यह लोग कभी जेल गए थे और अगर गलती से भी अखिलेश सत्ता में आ गए तो क्या यह लोग जेल में रहेंगे। माफिया तत्वों ने दो हजार करोड़ रुपए की संपत्ति कब्जा कर रखी थी। योगी जी ने उनसे यह जमीन लेकर गरीबों के मकान बनवाए हैं। (भाषा)