लखनऊ। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बावजूद तीन ऐसी सीट हैं, जहां उसके प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सके। चुनाव आयोग की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक प्रतापगढ़ की कुंडा, जौनपुर की मल्हनी और बलिया की रसड़ा सीट पर भाजपा उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सके। जमानत बचाने के लिए किसी उम्मीदवार को कुल मतदान के 16.66 प्रतिशत या 1/6 हिस्से के बराबर मत प्राप्त करना आवश्यक है।
कुंडा में राजा भैया का राज : आयोग के आंकड़ों के मुताबिक कुंडा सीट पर भाजपा प्रत्याशी सिंधुजा मिश्र को कुल पड़े 195992 मतों में से सिर्फ 16455 (8.36 प्रतिशत) वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। इस सीट पर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने जीत हासिल की। उन्हें कुल 99,612 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के गुलशन यादव को 69,297 मत प्राप्त हुए।
आंकड़ों के अनुसार मल्हनी सीट से भाजपा उम्मीदवार कृष्ण प्रताप सिंह अपनी जमानत नहीं बचा पाये। उन्हें कुल 2,26,321 मतों में से केवल 18319 वोट (8.01 प्रतिशत) ही प्राप्त हुए। सिंह वर्ष 2014 में जौनपुर से सांसद भी रह चुके हैं। इस सीट पर सपा उम्मीदवार लकी यादव ने जीत हासिल की। उन्हें 97,357 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी जनता दल यूनाइटेड के धनंजय सिंह को 79,830 मत प्राप्त हुए।
रसड़ा सीट के लेकर जो जो आंकड़ा उपलब्ध कराया गया है उसके मुताबिक भाजपा उम्मीदवार बब्बन को कुल पड़े 1,99,047 मतों में से 24,235 (12.08 प्रतिशत) वोट मिले जो 1/6 से कम है, लिहाजा वह अपनी जमानत नहीं बचा पाए।
रसड़ा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के उमाशंकर सिंह ने जीत हासिल की, जिन्हें 87,887 वोट प्राप्त हुए। सिंह के के निकटतम प्रतिद्वंदी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महेंद्र को 81,304 मत मिले। पूरे चुनाव में रसड़ा ही एकमात्र सीट है जहां बहुजन समाज पार्टी ने जीत दर्ज की है।
आंकड़ों की तुलना करने से पता चलता है कि जमानत बचाने के मामले में भाजपा का रिकॉर्ड वर्ष 2017 के मुकाबले वर्ष 2022 में बेहतर रहा। वर्ष 2017 में पांच सीट पर भाजपा की जमानत जब्त हुई थी। इनमें सहसवान, गौरीगंज, रायबरेली, सादाबाद और सोरांव शामिल थीं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को कुल 255 सीट पर जीत हासिल हुई, जबकि उसके सहयोगी अपना दल सोनेलाल को 12 और निषाद पार्टी को छह सीट पर विजय प्राप्त हुई। इसके अलावा समाजवादी पार्टी को 111 तथा उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल को आठ तथा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 6 सीट मिली।