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हिजाब और गजवा-ए-हिन्द जैसे मुद्दे उत्तर प्रदेश के चुनाव पर असर डालेंगे?

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विकास सिंह

, सोमवार, 14 फ़रवरी 2022 (18:35 IST)
हिजाब विवाद के साये में हो रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के मतदान के बीच एक नई बहस गजवा-ए-हिन्द को लेकर लेकर छिड़ गई है। दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि ’गजवा-ए-हिन्द’ का सपना देखने वाले ‘तालिबानी सोच’ के ‘मजहबी उन्मादी’ यह बात गांठ बांध लें वो रहें या न रहें। भारत शरीयत के हिसाब से नहीं, संविधान के हिसाब से ही चलेगा। 
 
इसके साथ आज दूसरे चरण के मतदान के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि "जो लोग गजवा-ए-हिंद का सपना देख रहे है, उनको मैं बहुत स्पष्ट कर दूं कि यह नया भारत है, यह दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व का भारत है, इस नए भारत में विकास सब का लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहीं। सबका साथ सबके विकास की भावना के साथ सरकार कार्य कर रही है सबके प्रयास को लेकर सरकार चल रही है। नया भारत संविधान के अनुरूप चलेगा शरीयत के हिसाब से नहीं और मैं इस बात को स्पष्ट कह सकता हूं कि गजवा-ए-हिंद का सपना कयामत के दिन तक नहीं साकार होगा।  
 
इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने इंटरव्यू में हिजाब पर बोलते हुए कहा कि आस्था को देश और संस्थानों पर लागू नहीं किया सकता। मैं सभी को भगवा पहनने का आदेश नहीं दे सकता। स्कूलों में तो ड्रेस कोड होना चाहिए। 
 
उत्तरप्रदेश की राजनीति के जानकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हिजाब और गजवा-ए-हिन्द पर दिए बयान को सीधे ध्रुवीकरण से जोड़ते हुए देखते है। सोमवार को 55 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में ध्रुवीकरण एक बड़ा मुद्दा था जिसको साधने की कोशिश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान के जरिए की। दूसरे चरण में जिन जिलों में वोटिंग हो रही थी वहां पर गठबंधन को एक बढ़त मिलते हुए दिखाई दे रहा है, जिसमें रामपुर, सहारनपुर, मुरादाबाद और बिजनौर जैसे जिले शामिल थे।   
 
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे आगे-आगे बढ़ता जा रहा था वैसे-वैसे हिजाब और गजवा-ए-हिन्द जैसे मुद्दे सियासी सतह पर आते जा रहे है। उत्तरप्रदेश के चुनाव में मुसलमान, दलित और महिला वोटर सबसे ज्यादा चर्चा के केंद्र मे है। हिजाब जैसे मुद्दे के हावी होने के बाद आधी आबादी का वोटर किस तरफ जाएगा यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है। 
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उत्तर प्रदेश की राजनीति को करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में कहते हैं उत्तरप्रदेश चुनाव में हिजाब और गजवा-ए-हिंद जैसे विषयों का असर नहीं दिख रहा है। इसका बड़ा कारण हिंदू-मुस्लिम कार्ड नहीं चल रहा है और अगर इसे चलना होता तो पहले दो चरणों में चल जाता है लेकिन नहीं चला। हिजाब पर वोटरों के ध्रुवीकरण की कोशिश तो हुई थी लेकिन वह सफल नहीं हुई। 
 
नागेंद्र कहते हैं कि चुनाव में मुस्लिम वोटर भाजपा को हारने के लिए पूरी तरह यूनाइटेड और वह डिवाइड नहीं हुआ है। मुस्लिम वोटर गठबंधन के साथ मजबूती के साथ खड़ा नजर आ रहा है। वहीं चुनाव में हिंदूओं के बीच ध्रुवीकरण नहीं दिखाई दिया है। वह आगे कहा है कि अब निर्णायक दौर पूर्वांचल होगा। अब देखना होगा कि मंदिर और धार्मिक फैक्टर काम करते है या नहीं। 
 
नागेंद्र कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा की ओर से जिस तरह गजवा-ए-हिंद और हिजाब पर इतना शोर मचाया गया उसका बड़ा कारण कि भाजपा के पास अब कोई रास्ता नहीं बचा होना है। 
 
उत्तरप्रदेश के चुनाव में महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा हावी नजर आ रहा है। जानकार बताते है कि चुनाव में शहरी महिला वोटर भाजपा के साथ नजर आ रहा है। शहरी महिला वोटरों में सुरक्षा और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने योगी आदित्यनाथ की छवि काफी प्रभावी नजर आ रही है। वहीं ग्रामीण इलाकों में महिला वोटर में स्थिति अलग नजर आ रही है। वहां पर कोरोना और रोजगार के साथ मुफ्त राशन का मुद्दा भी हावी नजर आ रहा है।

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