गोरखपुर/लखनऊ। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव आते ही बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो चुका है। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'अब्बाजान' वाले बयान पर घमासान शुरू हो गया है। विपक्ष ने योगी पर बंटवारे की राजनीति का आरोप लगाया है। योगी आदित्यनाथ ने कुशीनगर और संत कबीर नगर जिले में परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के दौरान यह बयान दिया।
सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है, आज गरीबों को राशन (Ration) मिल रहा है, इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि क्या ये राशन 2017 के पहले भी मिलता था? सीएम ने कहा कि 2017 के पहले राशन नहीं मिलता क्योंकि तब अब्बाजान कहने वाले ही राशन हजम कर जाते थे। उन्होंने कहा कि आज इन गरीबों का राशन कोई हजम नहीं कर सकता, अगर कोई गरीबों का राशन हजम करेगा तो यह जेल जाएगा।
सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि साढ़े चार साल में यूपी में सिर्फ घोटाला ही हुआ है। योगी अपने साढ़े चार साल का काम नहीं गिना पा रहे हैं तो जनता का ध्यान भटकाने के लिए इधर-उधर की बातें कर रहे हैं। चुनाव में जनता बीजेपी को भटका देगी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि कोरोना के दौरान हमने देखा है कि मां गंगा में लोगों की लाशें बहती दिखीं। योगी ने 2017 के पहले की बात की, लेकिन 200 साल पहले भी ऐसा कभा नहीं हुआ कि गंगा में लाशें बहती दिख रहीं थी। योगी साहब आप कौन से जान हैं? आपके कौन से अब्बाजान हैं और कौन से भाईजान हैं?
उन्होंने आगे कहा कि यह पूरे देश को पता है। प्रधानमंत्री ने उन्हें हटाने की कोशिश की, लेकिन संघ की वजह से हटा नहीं पाए। जिस सरकार में हाथरस जैसी घटना हो जाए, सरकार को एक क्षण भी शासन में रहने का हक नहीं है। कांग्रेस पॉजिटिव मॉडल के साथ चुनाव में उतरेगी। हम श्मशान और क्रबिस्तान की बात नहीं करेंगे।