न्यूयॉर्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, डेमोक्रेटिक पार्टी से उनके प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन और उनके चुनाव प्रचार अभियानों के बारे में सोशल मीडिया मंच पर फैलाई जा रही भ्रामक सूचना को लेकर अमेरिका में शोधकर्ताओं ने चिंता जाहिर की है।
शोधकर्ताओं ने कहा है कि भ्रामक सूचना फैलाए जाने के चलते 3 नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव की सत्यनिष्ठा खतरे में पड़ गई है। साउदर्न कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस हफ्ते अपने एक अध्ययन में कहा कि ट्विटर पर हजारों की संख्या में ऑटोमेटेड अकाउंट और षड्यंत्रकारी सिद्धांतकार आगामी चुनाव को लेकर भ्रामक सूचना का बीजारोपण कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर ऑटोमेटेड अकाउंट के जरिए किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर बगैर मानव हस्तक्षेप के किसी विशेष कार्य को अंजाम दिया जाता है। इसके तहत किसी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का इस्तेमाल करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली जाती है और उसे शेयर किया जाता है।
अध्ययन के मुख्य लेखक एवं यूएससी वीटेरबी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में कंप्यूटर साइंस के सहायक प्राध्यापक एमिलियो फरेरा ने कहा कि 2020 के चुनाव के दौरान सोशल मीडिया का दुरूपयोग 2016 की तुलना में कहीं अधिक हो रहा है।
फरेरा ने कहा कि सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचना फैलाया जाना जारी रहने से अमेरिकी चुनाव की सत्यनिष्ठा खतरे में है। फरेरा यूएससी अन्नेनबर्ग स्कूल फॉर कम्युनिकेशंस एंड जर्नलिज्म में संचार विषय के सहायक प्राध्यापक भी हैं।
यूएससी न्यूज में प्रकाशित एक आलेख में कहा गया है कि अध्ययन में चुनाव से जुड़े 24 करोड़ ट्वीट पर गौर किया गया और यह पाया गया कि इनमें से हजारों ऑटोमेटेड अकाउंट से हैं, जिन्हें बॉट्स के नाम से जाना जाता है।