देशभर के किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई है। इसी तरह मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना (Chief Minister Kisan Kalyan Yojana) की शुरुआत की की गई। इस योजना में किसानों के खातों में 4000 रुपए जमा किए जाते हैं।
इसमें दो किस्तों में 2000-2000 रुपए किसानों के खातों में जमा किए जाते हैं। इस तरह मध्यप्रदेश के किसानों के खातों में सालाना कुल 10 हजार रुपए जमा होते हैं। इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को दी जाने वाली सहायता राशि सीधा उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
किन्हें मिलता है योजना का लाभ : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना को शुरू किया। पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े किसान इसका लाभ प्राप्त करेंगे।
किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी किसानों को इस योजना में आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि प्रदेश का कोई नया किसान इस योजना में जुडना चाहता है तो उसे सबसे पहले पीएम किसान सम्मान निधि योजना में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा तभी उसे मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ मिल पाएगा।
क्या है पात्रता : यदि आप भी इस योजना में लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको योजना की कुछ पात्रता को पूर्ण करना होगा। अगर आप इन पात्रता को पूरी करेंगे तभी इस योजना में आप आवेदन कर पाएंगे।
कौन कर सकता है आवेदन : मध्यप्रदेश राज्य में रहने वाले मूलनिवासी किसान ही इस योजना का आवेदन कर सकते हैं। किसान के पास अपनी स्वयं की कृषि भूमि होनी आवश्यक है। जिस किसान ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करवाया होगा वही इसका लाभ प्राप्त कर सकते है। लघु एवं सीमान्त किसान योजना के पात्र माने जाएंगे।
किन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत : इस योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड। बैंक खाता पासबुक। रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर। पासपोर्ट साइज फोटो। किसान सम्मान निधि रजिस्ट्रेशन नंबर। मूल निवासी का प्रमाण-पत्र।
मोबाइल पर मिलेगा मैसेज : मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत किसानों मिलने किस्त राशि की सूचना उनके मोबाइल पर मिलेगी। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत जिन किसानों को लाभ मिलेगा, उनके बारें में जानकारी किसान सम्मान निधि पोर्टल पर दर्ज रहेगी। क्षेत्र के पटवारी किसानों के बारे में पूरी जानकारी का वेरीफिकेशन करेंगे। किसानों को सिर्फ एक बार क्षेत्र के पटवारी को भौतिक रूप से आवेदन देना होगा। आगे की प्रक्रिया मोबाइल पर ही हो जाएगी।