- ईशु शर्मा
हाल ही में केंद्र कैबिनेट के फैसले के द्वारा बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (dearness allowance) व पेंशनर की महंगाई राहत (Dearness relief) 4% बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही केंद्र कैबिनेट ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और पेंशनरों को महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त जारी करने की भी मंज़ूरी दी है। पर क्या आप भी ये सोच रहे हैं कि महंगाई भत्ता क्या होता है और इसे किस आधार पर कैलकुलेट किया जाता है तो इस आर्टिकल के ज़रिए हम आपको पूरी जानकारी देंगे-
क्या होता है महंगाई भत्ता?
महंगाई भत्ता या महंगाई राहत सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों को जीवन यापन की लागत (cost of living) के रूप में दिया जाता है। महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी में शामिल होता है जो मुद्रास्फीति के प्रभाव के अनुसार दिया जाता है। सरकार महंगाई भत्ता ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (All India Consumer Price Index) के द्वारा निर्धारित करती है जो की हर 6 महीने में संशोधित किया जाता है।
कितने प्रकार का होता है महंगाई भत्ता?
1. Variable Dearness Allowance (VAD): VAD केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिया जाता है जो हर 6 महीने में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आंकड़ों के आधार पर चेंज किया जाता है ताकि बढ़ती मुद्रास्फीति को कम किया जा सके।
2. Industrial Dearness Allowance (IDA): IDA सरकार द्वारा पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को दिया जाता है जो हर 3-4 महीने में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आंकड़ों के द्वारा संशोधित किया जाता है।
कैसे कैलकुलेट किया जाता है महंगाई भत्ता?
महंगाई भत्ता केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों के अलग अलग कैलकुलेट (calculate) किया जाता है-
1. केंद्र सरकार के कर्मचारी के लिए फार्मूला है:-
DA % [(AICPI का औसत (आधार वर्ष 2001= 100) 12 महीने के लिए- 115.76)/115.76] x 100
2. पब्लिक सेक्टर के कर्मचारी के लिए फार्मूला है:-
DA % [(AICPI का औसत (आधार वर्ष 2001 = 100) 3 महीने के लिए - 126.33)/126.33] x 100
यहां AICPI का मतलब है All India Consumer Price Index.