आने वाले दिनों में ATM से पैसा निकालना महंगा पड़ सकता है। एटीएम ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से इंटरचेंज फी बढ़ाने की मांग की है।
फी बढ़ाने के पीछे ऑपरेटर्स का तर्क है कि आरबीआई के सुरक्षा मानकों का पालन करने के से एटीएम को चलाने में आने वाली लागत बढ़ती जा रही है।
मशीन के मेंटेनेंस में भी लागत बढ़ गई है जबकि उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा है। इस कारण इंटरचेंज फी बढ़ाना आवश्यक हो गया है।
ट्रांजेक्शन फेल होने पर लगता है चार्ज : यदि कोई ग्राहक दूसरे बैंक के एटीएम से रुपए निकालता है लेकिन पर्याप्त बैलेंस नहीं होने का कारण यह ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है उस पर चार्ज लगता है।
यह चार्ज प्रति ट्रांजेक्शन 20 रुपए होगा। इस पर टैक्स अलग से लगता है। ये नियम एसबीआई और आईडीबीआई बैंक सहित कई बैंकों पर लागू है।
आरबीआई ने प्रति ग्राहक मुफ्त ट्रांजेक्शन की अधिकतम सीमा 5 और इंटरचेंज फी प्रति ट्रांजेक्शन 15 रुपए तय कर रखी है।
एटीएम इंडस्ट्री या कंफेडरेशन ऑफ इंडियान इंडस्ट्री (सीएटीएमआई) का कहना है कि कंपनियों को कारोबार चलाने के लिए यह रकम पर्याप्त नहीं है।
आरबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी को 13 फरवरी को भेजे गए एक पत्र के अनुसार कंपनियों को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है, जो एटीएम बिजनेस पर असर डाल रहा है। इससे नए एटीएम लगाने की रफ्तार भी धीमी पड़ गई है।