Ramcharitmanas

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

UP: खांसी सीरप पीने के बाद मौत, औषधि विभाग ने किया दवा कंपनी कार्यालय का निरीक्षण

Advertiesment
हमें फॉलो करें UP: खांसी सीरप पीने के बाद मौत, औषधि विभाग ने किया दवा कंपनी कार्यालय का निरीक्षण
, गुरुवार, 29 दिसंबर 2022 (15:25 IST)
नोएडा। विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों और उत्तरप्रदेश के औषधि विभाग के एक दल ने गुरुवार को नोएडा स्थित उस दवा कंपनी के कार्यालय का निरीक्षण किया जिसकी खांसी की दवा कथित तौर पर पीने के बाद उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। नोएडा सेक्टर 67 स्थित मैरियन बायोटेक के कार्यालय में गुरुवार को सुबह निरीक्षण शुरू किया गया।
 
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मैरियन बायोटेक कंपनी भारत में खांसी की दवा 'डॉक-1 मैक्स' नहीं बेचती और इसका निर्यात केवल उज्बेकिस्तान को किया गया है। गौतम बुद्ध नगर के औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने बताया कि नोएडा सेक्टर 67 स्थित मैरियन बायोटेक के कार्यालय में गुरुवार को सुबह निरीक्षण शुरू किया गया।
 
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत के मामले का मैरियन बायोटेक से कथित तौर पर संबंध होने की जांच शुरू कर दी है। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि इन 18 बच्चों ने खांसी की दवा पी थी। मैरियन बायोटेक के कानूनी मामलों के प्रतिनिधि हसन हैरिस ने कहा कि दोनों देशों की सरकारें इस मामले की जांच कर रही हैं।
 
हैरिस ने कहा कि हमारी ओर से कोई समस्या नहीं है और जांच में कोई गड़बड़ नहीं है। हम पिछले 10 वर्ष से काम कर रहे हैं। सरकार की रिपोर्ट आने के बाद हम इस पर गौर करेंगे। फिलहाल (दवा का) निर्माण बंद कर दिया गया है।
 
बब्बर ने कहा कि केंद्र के एक दल ने 27 दिसंबर को निरीक्षण किया था जिसमें जांच के लिए 5 दवाओं के नमूने लिए गए थे। उन्होंने कहा कि जांच का एक और दौर लंबित है जिसके लिए हम आज यहां आए हैं। औषधि निरीक्षक ने कहा कि कंपनी का कोई घरेलू बाजार नहीं है और यह केवल उज्बेकिस्तान के बाजार के लिए निर्यात करती है। भारत में कोई उत्पाद (डॉक-1 मैक्स) नहीं बेचा गया है।
 
उन्होंने कहा कि कंपनी का संचालन वर्तमान में चालू है और उनके पास सभी अनिवार्य लाइसेंस और अनुमोदन हैं जिसमें केंद्र द्वारा निर्यात के लिए दिया जाने वाला औषधि उत्पाद प्रमाण पत्र (सीओपीपी) भी शामिल है। बब्बर ने कहा कि अब यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि उन्होंने कच्चा माल कहां से खरीदा और इसका इस्तेमाल कहां किया गया?
 
उन्होंने कहा कि कंपनी 2010 से काम कर रही है। इस बीच जब मैरियन बायोटेक की वेबसाइट देखनी चाही तो वह गुरुवार सुबह खुली नहीं और उसके होमपेज पर संदेश लिखा आ रहा था कि 'डेटाबेस कनेक्शन स्थापित करने में त्रुटि।'(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी का राधिका मर्चेंट संग रोका, सामने आई सेरेमनी की तस्वीर