Ghazipur news in hindi : सन् 1965 के युद्ध नायक अब्दुल हमीद के परिवार और अन्य लोगों के विरोध के बाद, गाजीपुर में शिक्षा अधिकारियों ने उनके पैतृक गांव में सरकारी प्राथमिक विद्यालय के प्रवेश द्वार पर उनका नाम पुनः स्थापित कर दिया, जिसे हाल में रंगाई-पुताई के दौरान हटा दिया गया था।
शुरुआत में, शिक्षा अधिकारियों ने प्रवेश द्वार पर हामिद का नाम पुनः स्थापित करने के बजाय दीवार पर हामिद का नाम लिखकर परिवार को शांत करने का प्रयास किया। हालांकि, हामिद के पोते जमील अहमद ने इस मामले को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया।
जमील अहमद ने कहा कि आज मुख्य द्वार पर स्कूल का नाम ‘शहीद वीर अब्दुल हामिद पीएम श्री कम्पोजिट स्कूल, धामूपुर, जखनियां, गाजीपुर जिला’ के रूप में बहाल कर दिया गया। जमील ने कहा कि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले युद्ध नायक का नाम मिटाना एक अक्षम्य गलती थी।
यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, 'यह बेहद निंदनीय और अशोभनीय है कि देश के लिए जान देने वालों से ज्यादा महत्व किसी और को दिया जा रहा है। अब बस इतना ही बचा है कि कुछ लोग देश का नाम भारत से बदलकर भाजपा कर दें। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, जिन लोगों ने न तो आजादी दिलाने में कोई भूमिका निभाई और न ही आजादी को बचाने में, वे शहीदों का महत्व क्या जान सकते हैं।
edited by : Nrapendra Gupta