Sambhal violence News : उत्तरप्रदेश के संभल में हुई हिंसा की 450 पन्नों की रिपोर्ट न्यायिक आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है। इसमें सिर्फ 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा के बारे में ही नहीं बताया गया, बल्कि संभल में कब-कब दंगे हुए, इसके बारे में भी बताया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दंगों के कारण हिन्दू आबादी तेजी से घटी है।
जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा
संभल में पिछले साल जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसमें 4 लोगों की जान गई थी। 29 नवंबर, 2024 को उत्तरप्रदेश सरकार ने हिंसा की जांच के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस देवेंद्र कुमार अरोड़ा, रिटायर्ड IAS अमित मोहन और रिटायर्ड IPS अरविंद कुमार जैन शामिल थे।
रिपोर्ट में संभल की बदलती जनसांख्यिकी और उससे हिंसा के संभावित संबंधों का उल्लेख है। आयोग ने पांच बार संभल का दौरा कर आम जनता, पुलिस अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों और जेल में बंद आरोपियों से बातचीत की। रिपोर्ट में हिंसा के इतिहास और घटना के पीछे के कारणों पर प्रकाश डाला गया है।
तेजी से घटी हिन्दू आबादी
मीडिया खबरों के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि बार-बार दंगों से संभल नगर निगम क्षेत्र में हिन्दू आबादी कम होती गई। अब वहां सिर्फ 15 प्रतिशत हिन्दू आबादी बची है। बाकी पलायन कर गई। आजादी के समय यानी 1947 में संभल में 45 प्रतिशत हिन्दूआबादी थी। 30% हिन्दू जनसंख्या पिछले 78 सालों में घटी है। न्यायिक आयोग ने गुरुवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर गोपनीय जांच रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट को कैबिनेट में पास कराया जाएगा। वहां से विधानसभा पटल में रखी जाएगी। Edited by : Sudhir Sharma इनपुट एजेंसियां