वाराणसी (यूपी)। शहर के एक आईवीएफ केंद्र में बड़ी रकम के बदले नि:संतान दंपतियों को नाबालिग लड़कियों के अंडाणु बेचने में शामिल एक महिला और उसके पति सहित गिरोह के 4 सदस्यों को यहां गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि नाबालिग लड़कियों को पैसे का लालच दिया जाता था और बाद में उन्हें अंडाणु दान करने के लिए पात्र दिखाने के लिए उनकी उम्र से संबंधित फर्जी पहचानपत्र और अन्य दस्तावेज तैयार किए जाते थे।
मोटी रकम के बदले उनके अंडाणु शहर के मशहूर 'इन विट्रो फर्टीलाइजेशन' (आईवीएफ) केंद्रों को दान कर दिए जाते थे। महिला थाना की प्रभारी निकिता सिंह ने बताया कि जैतपुरा इलाके की एक 17 वर्षीय लड़की की मां ने महिला थाने में एक आईवीएफ केंद्र में जारी अवैध अंडाणु दान की शिकायत दर्ज कराई थी।
इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सीमा देवी और उसके पति आशीष कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा भेलूपुर थाने के खोजवां निवासी अनिता देवी और सोनभद्र के अनमोल जयसवाल को भी गिरफ्तार किया गया है। शिकायत के मुताबिक लड़की को 30,000 रुपए देने का वादा किया गया था लेकिन बाद में उसे केवल साढ़े 11 हजार रुपए ही दिए गए। लड़की की मां ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें पूरी प्रक्रिया के बारे में अंधेरे में रखा गया।
उन्होंने मांग की कि आईवीएफ केंद्र के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। काशी जोन के पुलिस उपायुक्त आर. एस. गौतम ने बताया कि आरोपी गरीब परिवारों की किशोरियों को बहला फुसलाकर आईवीएफ केंद्रों को अंडाणु दान करने के लिए राजी कर लेते थे। इस मामले में आईवीएफ केंद्र के कुछ कर्मचारियों और चिकित्सकों की संलिप्तता भी सामने आई है और इनके खिलाफ भी पुलिस जल्द कार्रवाई शुरू करेगी।
अंडाणु दान करने के निर्धारित मानदंडों के अनुसार दाता की उम्र 23 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और उसका विवाहित होना भी जरूरी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक महिला जीवनकाल में केवल एक बार अंडाणु का दान कर सकती है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta