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एनीमिया के खिलाफ 9 लाख बेटियों ने जीती जंग, पेश की मिसाल

एनीमिया मुक्त अभियान में कानपुर ने बनाया कीर्तिमान, लाल गोली बनी सेहत की डोरी, एक दिन में 9.04 लाख महिलाओं और बच्चियों ने खाई आयरन की गोली

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 (20:50 IST)
Anemia free campaign in UP: मिशन शक्ति 5.0 के तहत एनीमिया मुक्त अभियान में कानपुर ने इतिहास रच दिया। बुधवार को जिले के 4500 से अधिक केंद्रों पर चलाए गए अभियान में 9,04,141 महिलाओं, किशोरियों और छात्राओं ने एक साथ आयरन फोलिक एसिड (लाल गोली) खाकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। यह उपलब्धि न केवल कानपुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक गौरवपूर्ण उदाहरण बन गई है। अब इस दिशा में जिला प्रशासन ने एक और कदम बढ़ाते हुए ऐसे केंद्रों के कार्मिकों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है, जहां सर्वाधिक महिलाओं और बेटियों ने आयरन गोली गृहण की। सोमवार को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में यह सम्मान उन विभागीय टीमों को भी मिलेगा, जिन्होंने अभियान को जनआंदोलन का रूप दिया। 
 
स्वास्थ्य और आत्मविश्वास सशक्त करने का अभियान : जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि मिशन शक्ति 5.0 अब महिलाओं की सुरक्षा से आगे बढ़कर उनके स्वास्थ्य और आत्मविश्वास को सशक्त करने का अभियान बन चुका है। इसी क्रम में कानपुर में इस पहल को आगे बढ़ाया गया है। यह अभियान ऐतिहासिक रूप से सफल रहा है और अब हमारा प्रयास इसे सफल बनाने वाले कार्मिकों को सम्मानित करने का है, ताकि जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसे पूरे जोश और जज्बे के साथ हासिल किया जा सके। जिलाधिकारी ने सीडीओ दीक्षा जैन, सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी, जेएसआई हुदा जेहरा सहित स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायत राज और आंगनबाड़ी विभाग की टीम को इस पहल के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि टीम भावना और सामूहिक प्रयास से ही एनीमिया मुक्त कानपुर का सपना साकार होगा।
 
महिलाओं ने दी सेहतमंद समाज की मिसाल : विकास भवन में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन के नेतृत्व में महिला कार्मिकों ने सामूहिक रूप से आयरन गोली खाई और संदेश दिया कि स्वस्थ महिला ही स्वस्थ परिवार और समृद्ध समाज की आधारशिला है। एसीएमओ डॉ. उदयभान सिंह ने बताया कि जिले में 14 लाख महिलाओं को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है और पहले चरण में ही 9 लाख से अधिक तक पहुंच बना ली गई है।
 
कांशीराम चिकित्सालय के डॉ. पीयूष मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार 15–17 वर्ष की 57% किशोरियां और 50 वर्ष से कम आयु की 60% महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। यह अभियान उनके लिए राहत लेकर आया है। डफरिन हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ. रुचि जैन ने कहा कि गर्भावस्था और प्रसव उपरांत दोनों अवस्थाओं में आयरन गोली अत्यंत आवश्यक है। यह अभियान महिलाओं को सशक्त और परिवारों को स्वस्थ बनाएगा।
 
विद्यालयों और गांवों में दिखा उत्सव जैसा माहौल : स्कूलों में छात्राओं की तालियां बजीं, तो गांव की चौपालों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर मुस्कानें दिखीं। एसएन सेन कॉलेज, एचबी महिला महाविद्यालय, डीएवी कॉलेज, नरवल पीएचसी, डफरिन हॉस्पिटल, कांशीराम चिकित्सालय, बर्रा-गोविंदनगर सीएचसी, घाटमपुर-बिल्हौर पंचायत भवन और बिठूर-शिवराजपुर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओं की भारी भागीदारी रही। छात्राओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह गोली छोटी है, पर असर बड़ा है। अब हर हफ्ते इसे नियमित रूप से खाएंगी ताकि खुद और परिवार स्वस्थ रहें।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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