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बसपा सुप्रीमो मायावती को चुनौती देने के साथ बागी तेवर दिखाने लगे थे आकाश आनंद?

आकाश आनंद को मायावती ने बसपा से किया निष्कासित

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विकास सिंह

, मंगलवार, 4 मार्च 2025 (12:38 IST)
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस वक्त बहुजन समाज पार्टी को लेकर काफी हलचल है। यूपी की राजनीति में मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी के अंदर खाने सियासी उठापटक जारी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से मुक्त किया था। वहीं आकाश आनंद ने भी अब बगावती तेवर दिखा दिए है।

भतीजे आकाश आनंद से क्यों नाराज मायावती?-बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को एक समय पार्टी का नेशनल कोर्डिनेटर बनाने के साथ  उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। वहीं अब मायावती ने उसी आकाश आनंद को पहले सभी पदों से हटाने  के बाद अब पार्टी  से निष्कासित कर दिया है। मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा- "बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में कल आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी। लेकिन इसके विपरीत आकाश ने जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है वह उसके पछतावे व राजनीतिक मैच्युरिटी का नहीं, बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दण्डित भी करती रही हूं।
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इससे पहले रविवार को मायावती ने कहा था कि अशोक सिद्धार्थ ने आकाश आनंद का राजनीतिक करियर बर्बाद किया। गौरतलब है कि अशोक सिद्धार्थ आकाश आनंद के ससुर है। मायावती ने कहा कि आकाश आनंद पर उनकी पत्नी का प्रभाव था, जो पार्टी हित में नहीं था। उन्होंने कहा कि मेरे जीते जी मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। इसके साथ मायावती ने कहा कि अशोक सिद्धार्थ ने उत्तर प्रदेश  सहित पूरे देश में पार्टी को दो गुटों में बांटकर कमजोर करने का प्रयास किया था, इसलिए उनको बाहर निकाला गया था।

क्या आकाश आनंद मायावती को देने लगे थे चुनौती?- मायावती ने जिस ढ़ंग से अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया उससे एक सवाल यह भी उठा रहा है कि आकाश आनंद अब मायावती को चुनौती देने लगे थे। बसपा के सभी पदों से हटाने के बाद आकाश आनंद ने जिस तरीके सोशल मीडिया पर अपनी  टिप्पणी की उसे मायावती के लिए सीधे चुनौती माना गया। आकाश आनंद ने एक्स पर मायावती का जिक्र करते  हुए लिखा कि “मैं उनका काडर हूं। उनके नेतृत्व में त्याग, निष्ठा और समर्पण के सबक सीखे हैं। उनके हर फैसले का सम्मान करता हूं। पार्टी के सभी पदों से मुक्त करने का निर्णय मेरे लिए भावनात्मक है। मेरे लिए अब बड़ी चुनौती भी है। परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है। ऐसे में धैर्य और संकल्प ही सच्चे साथी हैं। बहुजन मिशन के सच्चे कार्यकर्ता की तरह मैं पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा। आखिरी सांस तक समाज के हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा। विरोधी दल सोच रहे हैं कि मेरा राजनीतिक कॅरिअर खत्म हो गया। उन्हें समझना चाहिए कि बहुजन मूवमेंट कॅरिअर नहीं, बल्कि करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के स्वाभिमान की लड़ाई है। इस मशाल को जलाए रखने के लिए लाखों आकाश आनंद हमेशा तैयार हैं”।

आकाश आनंद की सोशल मीडिया पर इस पोस्ट से मायावती इस कदर नाराज हुई कि उन्होंने एक झटके में आकाश आनंद को बाहर का रास्ता दिखा दिया। उत्तर प्रदेश की राजनीति को करीबी से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि आकाश आनंद जिस तरह से पार्टी में आगे बढ़ रहे थे और उनको जमीनी स्तर पर दलित वर्ग का समर्थन मिल रहा था, उससे उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा बढ़ रही थी और वह एंटी भाजपा रूख अपना लिया था और भाजपा पर तीखा हमला बोल रहे थे जो कहीं न कही मायावती को असहज कर रहे थे। इसका कारण है कि मायावती पिछले कुछ चुनाव से मैदान पर सक्रिय नहीं थी और आकाश आनंद ही पिछले लोकसभा चुनाव में काफी सक्रिय थे और एक बार फिर दलित वोटरों को एकजुट करने में जुटे हुए है। वहीं आकाश आनंद लगातार पिछले कुछ दिनों से एंटी भाजपा रुख अपनाने के साथ भाजपा से ल़ड़ाई के लिए एक एंटी भाजपा गठबंधन की वकालत कर रहे थे। वहीं आकाश आनंद की सोशल मीडिया पोस्ट ने साफ कर दिया है कि वह अब बगावत की  राह पर आगे बढ़ चुके है।

वहीं पिछले दिनों जिस तरह आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ के बेटे की शादी में पार्टी के अंदर गुटबाजी साफ तौर पर देखी गई उससे मायावती ने नाराज थी। बताया जा रहा है कि मायावती ने आकाश आनंद को अपने साले की शादी में जाने से मना किया था लेकिन आकाश आनंद शादी में सिर्फ शामिल ही नहीं हुए ब्लकि अपने समर्थक नेताओं को बुलाकर एक तरह से शक्ति  प्रदर्शन किया है। वहीं  आकाश आनंद को लेकर पिछले  काफी दिनों से उत्तर प्रदेश की सियासत में काफी हलचल है। खबरें यह भी है कि आकाश आनंद कांग्रेस के  शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में थे जो मायावती को किसी भी हालात में स्वीकार नहीं था।
 

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