लखनऊ। उत्तरप्रदेश के लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि समाज को सशक्त, जागरूक और लोकतांत्रिक बनाने में पत्रकारिता की अहम भूमिका होती है। हर परिस्थिति में निर्भीकता तथा निष्पक्षता के साथ ईमानदारी से सत्य के पक्ष में आवाज उठाने का काम पत्रकार ही करते हैं इसीलिए लोगों का भरोसा समाचार पत्रों पर भी रहता है।
उन्होंने कहा कि लेकिन भाजपा सच से डरती है, क्योंकि वह हर मोर्चे पर झूठ की राजनीति करने में विश्वास रखती है। समाचार पत्र और स्वतंत्र पत्रकार इसीलिए उसकी आंखों में खटकते हैं। भाजपा के सत्ताधीशों की शह पर इन दिनों पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज कराने के कई मामले हुए हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने-कुचलने के इन प्रयासों की निंदा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश के एक वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ एक भाजपाई प्रवक्ता ने दिल्ली में गत 4 जून 2020 को एफआईआर दर्ज कराकर अलोकतांत्रिक एवं असहिष्णु राजनीति का परिचय ही दिया है। दुआ के खिलाफ भाजपा के प्रवक्ता नवीन कुमार ने जो एफआईआर दर्ज कराई है, उसमें आईपीसी की धाराएं 290/ 505/ 505 (2) लगाई गई हैं। पत्रकार अपने विचार रखने में स्वतंत्र होते हैं। भाजपा की मंशा है कि सभी लोग केवल उसका प्रशस्ति गान करें, सरकार की कमियों की बात करने वालों के प्रति वह शत्रुभाव रखती है।
यादव ने कहा कि सच दिखाना इतना भारी पड़ा है कि बीते 24 महीनों में सोशल मीडिया पर लिखी कथित आपत्तिजनक सामग्री के बहाने उत्तरप्रदेश सरकार 16 लोगों को जेल भेज चुकी है। प्रदेश के मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील में बच्चों को रोटी-नमक देने की खबर छापने पर पवन जायसवाल, सीतापुर के रवीन्द्र सक्सेना को क्वारंटाइन सेंटर की बदइंतजामी दिखाने पर तथा सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने के आरोप में प्रशांत कनौजिया पर केस दर्ज हुए हैं।
उन्होंने कहा कि 'द वायर' के संस्थापक संपादक वरदराजन पर आरोप लगा कि उन्होंने तब्लीगी जमात के बचाव में मुख्यमंत्री को गलत ढंग से उद्धृत किया था। अभी पिछले दिनों ही फतेहपुर में कोरोना को लेकर सरकारी अव्यवस्था दिखाने पर जिलाधिकारी के निर्देश पर कई पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करा दिए गए हैं। जिलाधिकारी के इस रवैये से पत्रकारों में खासा रोष है।
उन्होंने कहा कि जिले में लॉकडाउन के दौरान गरीबों के लिए चलाई जाने वाली कम्युनिटी किचन बंद होने की खबर ट्विटर पर चलाने वाले पत्रकार अजय भदौरिया व अन्य के खिलाफ महामारी अधिनियम सहित भादसं 505, 385, 188, 270 व 269 धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। विवेक मिश्र के खिलाफ धारा 120 बी में भी केस दर्ज हैं जिसको लेकर पत्रकार संघ और एसोसिएशन के बैनर तले पत्रकारों के उत्पीड़न के खिलाफ जनपद फतेहपुर के पत्रकारों ने जल सत्याग्रह किया है। सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी सच को दबाने का प्रयास कर रही है लेकिन आने वाले समय में जनता इसका जवाब देगी।