कानपुर। अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। आम जनता से से घर-घर जाकर मंदिर निर्माण के लिए दान इकट्ठा करने का कार्य भी प्रारंभ किया जा रहा है। सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और शरद पवार सभी के यहां राम मंदिर निर्माण के लिए दान लेने के लिए भी जाया जाएगा।
ये बातें रविवार को कानपुर पहुंचे विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केन्द्रीय उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामन्त्री चंपत राय ने प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है और यहां तक के सफर में बहुत से भक्तों ने बलिदान दिया है, जिसको कतई भुलाया नहीं जा सकता।
अब मंदिर निर्माण के लिए दानियों की बारी है, जिससे हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि में भव्य मंदिर बन सके। इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता देश के 11 करोड़ परिवारों को श्रीराम जन्मभूमि से सीधे जोड़ेंगे।
इसके साथ ही राम भक्तों से सामर्थ्य के अनुसार दान लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी मकर संक्रांति से 27 फरवरी तक श्रीराम जन्मभूमि निर्माण निधि समर्पण अभियान चलाया जाएगा। अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के लिए देशभर के प्रत्येक श्रीराम भक्तों से सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता शेष समाज के लोगों के साथ घर-घर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि देश के 4 लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों से संपर्क कर श्रीराम जन्मभूमि से सीधे जोड़कर रामत्व का प्रसार करेंगे। देश की हर जाति, मंच, पंथ, संप्रदाय क्षेत्र के लोगों के सहयोग से श्रीराम मंदिर वास्तव में एक राष्ट्रीय मंदिर का रूप लेगा। असंख्य श्रीराम भक्तों के समर्पण व बलिदान को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि रामराज के लिए बढ़-चढ़कर राम भक्त आगे आएं।
भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को प्राप्त कर देश के सम्मान की रक्षा के लिए हिन्दू समाज के लोगों ने पांच सदियों तक संघर्ष किया जिसके बाद समाज की भावनाओं और मंदिर से जुड़ी इतिहास की सच्चाइयों को सर्वोच्च अदालत ने स्वीकार कर भारत सरकार को एक न्यास बनाने का निर्देश दिया। सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र के नाम से न्यास बनाया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि का पूजन कर मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया को गति प्रदान की।
जल्द मंदिर का प्रारूप आएगा सामने : न्यास के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण की तैयारी चल रही है। मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, गुवाहाटी की आईआईटी, सीबीआरआई रुड़की, लार्सन एंड टूब्रो तथा टाटा के विशेष इंजीनियर मंदिर की मजबूत नींव की ड्राइंग पर परामर्श कर रहे हैं।
बताया कि बहुत जल्द ही मंदिर का प्रारूप सामने आ जाएगा। संपूर्ण मंदिर पत्थरों का है। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फुट, लंबाई 360 फुट व चौड़ाई 235 फुट है। मंदिर भूतल से 16.5 मीटर ऊंचाई पर रहेगा। चंपत राय ने कहा कि देश की वर्तमान पीढ़ी को इस मंदिर के इतिहास की सच्चाई से अवगत कराने की योजना बनी है।
देश कि कम से कम आधी जनसंख्या को घर-घर जाकर श्रीराम जन्म भूमि की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराया जाएगा। कश्मीर से कन्याकुमारी तक कोई कोना नहीं छोड़ेंगे और अरुणांचल प्रदेश, नगालैंड, असम, अंडमान-निकोबार से क्षेत्रों तक संपूर्ण भारत में राम जन्मभूमि मंदिर का साहित्य देंगे तथा उसके सहयोग के लिए सहयोग लेंगे। उन्होंने कहा कि संपर्क अभियान में लाखों कार्यकर्ता सहयोग करेंगे।