badaun jama masjid news : उत्तर प्रदेश के बदायूं की एक अदालत में जामा मस्जिद के नीलकंठ महादेव मंदिर होने के वाद की पोषणीयता पर मंगलवार को बहस पूरी नहीं हुई। मामले में अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
यह मामला 2022 में तब शुरू हुआ जब अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल ने दावा किया कि जामा मस्जिद की जगह पहले नीलकंठ महादेव मंदिर था। उन्होंने यहां पूजा-अर्चना की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी। सरकारी पक्ष और पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के आधार पर मुकदमे में सरकार की ओर से बहस पूरी हो चुकी है और पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट भी अदालत में पेश की जा चुकी है।
शम्सी शाही मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता असरार अहमद ने दावा किया कि मस्जिद करीब 850 साल पुरानी है और वहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है। हिंदू महासभा को इस मामले में याचिका दायर करने का अधिकार ही नहीं है।
देश की तीसरी सबसे पुरानी मस्जिद : शम्सी शाही मस्जिद को बदायूं शहर की सबसे ऊंची इमारत माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मस्जिद देश की तीसरी सबसे पुरानी और सातवीं सबसे बड़ी मस्जिद है, जिसमें 23,500 लोगों के एकसाथ नमाज अदा करने की क्षमता है।
उल्लेखनीय है कि बदायूं में इस मामले में सुनवाई ऐसे समय में हो रही है जब गत 24 नवंबर को संभल में मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद हिंसा भड़क गई जिसमें प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई थी और 25 अन्य घायल हो गए थे।
edited by : Nrapendra Gupta