कानपुर देहात। कानपुर देहात में बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे, उसके भाई अविनाश दुबे, दीपू दुबे व बहनोई दिनेश तिवारी पर 21 साल पहले दर्ज हुए एक गैंगस्टर के मुकदमे में कानपुर देहात कोर्ट की स्पेशल जज बेंच ने 5 साल की सजा सुनाई है और 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
इसमें विकास दुबे व उसके भाई अविनाश दुबे की मौत हो चुकी है और वहीं विकास का दूसरा भाई दीपू दुबे लखनऊ जेल में बंद है जबकि बहनोई दिनेश तिवारी को सजा सुनाए जाने के बाद जेल भेज दिया गया है।
क्या था मामला? : कानपुर देहात के शिवली में पूर्व प्रधानाचार्य सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या और बलवे के मामलों में आरेापित होने के बाद शिवली पुलिस ने 2001 में विकास दुबे, उसके भाइयों दीपू दुबे व अविनाश दुबे और बसेन निवासी उसके बहनोई दिनेश तिवारी के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की थी।
इस मामले की सुनवाई मौजूदा समय में स्पेशल जज गैंगस्टर एक्ट की कोर्ट में चल रही थी जिसकी सुनवाई 21 दिसंबर 2022 को पूरी हो गई और कोर्ट ने दोनों ही पक्षों की जिरह सुनने के बाद गैंगस्टर एक्ट में सभी आरोपियों को 5-5 साल की सजा के साथ 5 हजार का जुर्माना लगाते हुए फैसला सुनाया है।
क्या बोले विशेष लोक अभियोजक?: विशेष लोक अभियोजक अमरसिंह भदौरिया ने बताया कि 2001 में दर्ज हुए गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे की सुनवाई पूरी हो चुकी है और कोर्ट की तरफ से फैसला सुनाया गया है। सुनवाई के दौरान विकास व अविनाश की मौत होने के कारण उन दोनों की फाइल अलग कर दी गई थी। दीपू दुबे सामूहिक हत्याकांड में पहले से ही लखनऊ जेल में बंद है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दीपू दुबे और बहनोई दिनेश तिवारी को 5-5 साल कैद की सजा सुनाई है।