बुलंदशहर। पहले वाहनों के ऊपर जाति लिखने का रंग चढ़ा, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने चालान काटने शुरू किए हैं। ये जाति लिखने खुमारी जूतों पर भी दिखाई दे रही है।
ताजा मामला बुलंदशहर (Bulandshahr) टाउन स्कूल के निकट का है। यहां एक दुकानदार सड़क पर जूते रखकर बेच रहा था। कुछ राहगीर जूते खरीदने के लिए रुके तो सकते में रह गए, क्योंकि जूतों के सोल पर 'ठाकुर' लिखा था।
जूते पर बिरादरी लिखे होने के कारण दुकानदार और खरीदारों के बीच कहासुनी हो गई। मामला बढ़ता हुआ देखकर पुलिस को सूचना दे दी गई। पुलिस ने मामला शांत कराते हुए एक युवक की शिकायत पर एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली है।
बुलंदशहर के गुलावठी थाने में विशाल चौहान नाम के युवक ने शिकायत की। उसने शिकायत में लिखा कि वह टाउन स्कूल के निकट नासिर की दुकान पर जूते खरीदने के लिए रुका। जूते पसंद करते हुए उसकी नजर एक जूते के सोल पर गई। सोल पर ठाकुर लिखा हुआ था।
उसने अधिकांश जूते जांचे तो सभी के सोल के नीचे ठाकुर लिखा हुआ मिला। इसके बाद उसका माथा ठनका और उसने जूते पर बिरादरी लिखे होने का दुकानदार से विरोध किया।
विरोध करने पर दुकानदार नासिर ने उसके साथ दुर्व्यवहार करते हुए मारपीट शुरू कर दी। इस पर भी उसका मन नहीं भरा और वह बोला कि भविष्य में भी इसी प्रकार जातिसूचक शब्दों वाले फुटवियर बेचेगा।
पुलिस ने विशाल चौहान की शिकायत पर दुकान संचालक नासिर निवासी रामनगर गुलावठी और अज्ञात में जूते बनाने वाली फैक्टरी मालिक के खिलाफ IPC की धारा 153A, 323, 504 के अंतर्गत थाना गुलावठी में मुकदमा दर्ज करा दिया है।
पुलिस मामले को गंभीरता से ले रही है और उसने जांच शुरू कर दी है कि जूते के पीछे 'ठाकुर' लिखने का मकसद क्या है, जूता बनाने वाला कौन है? वही जूते बेचने वाले नासिर का कहना है कि वह दिल्ली से जूते खरीदकर लाता और बेचता है। ठाकुर शब्द से उसका कोई लेना-देना नहीं है।