लखनऊ। स्वरकोकिला लता मंगेशकर की यादें अब हमेशा के लिए रामनगरी अयोध्या से जुड़ गई हैं। अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग के समीप स्थित नयाघाट चौराहा अब 'लता मंगेशकर चौक' के नाम से जाना जाएगा। लता मंगेशकर के 93वें जन्मदिन के मौके पर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने स्मृति चौक का लोकार्पण किया। लोकार्पण के दौरान लताजी के परिजन भावुक हो गए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'कृति के प्रति कृतज्ञता' का भाव हमारी सनातन संस्कृति और परंपरा में शामिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से लताजी के प्रति कृतज्ञता स्वरूप यह चौक संवारा गया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या में उनकी स्मृति को संजोया जाएगा।
अगले एक वर्ष के भीतर अयोध्या के सभी चौराहों का सुंदरीकरण करते हुए इनका नामकरण महर्षि वशिष्ठ, रामानुजाचार्य, गोस्वामी तुलसीदास आदि के नाम पर किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में शामिल महापुरुषों के नाम पर भी चौराहों का नामकरण होगा।
कला और संगीत के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, अयोध्या में यह स्मृति चौक हमें सदैव उनसे जोड़े रखेगा।
सुंदरीकरण करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा को मुख्य तत्व बताते हुए मुख्यमंत्री ने आभार भी जताया। चौक पर कोई प्रतिमा न लगाकर मां शारदे की प्रतीक 'वीणा' की स्थापना की गई है। चारों ओर 7 स्तम्भ हैं जो संगीत के सात स्वरों के प्रतीक हैं। 92 कमल पुष्प हैं जो लता जी के जीवन के 92 वर्षों की याद दिलाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां लता जी की सम्मोहित करने वाली मधुर आवाज के साथ श्रीराम के भजन गूंजेंगे, जो श्रीराम जन्मभूमि की ओर जाने वाले हर श्रद्धालु के मन को आह्लाद से भर देंगे।
जल्द विराजेंगे रामलला : मुख्यमंत्री ने श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण की तैयारियों और आमजन में रामलला के दर्शन की उत्सुकता का जिक्र भी किया। अयोध्या से अपने आत्मीय जुड़ाव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 2017 के बाद जब यहां आता था तो संत-महंत गण पूछते थे 'कब बनेगा मंदिर! और मैं यही कहता कि भगवान परीक्षा ले रहे रहे हैं बस धैर्य बनाए रखिए।
आखिर 500 साल का इंतज़ार खत्म हुआ और प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर की आधारशिला रखी। अब तो मंदिर बन रहा है और बहुत जल्द सभी की प्रतीक्षा समाप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने अयोध्यावासियों को स्वच्छता के प्रति आग्रही बनने की जरूरत पर बल देते हुए आगामी दीपोत्सव में अयोध्या के हर घर में दीपक जलाने का संकल्प भी दिलाया।
भावुक हुए परिजन : विशेष कार्यक्रम में खास तौर पर आमंत्रित लताजी के परिजन आदिनाथ और कृष्णा मंगेशकर स्मृति चौक देखकर भावुक हो गए। अपनी स्मृतियां साझा करते हुए आदिनाथ ने कहा कि लता दीदी की दिनचर्या भगवान राम की आराधना के साथ ही शुरू होती थी, आज उनकी स्मृति में पावन नगरी अयोध्या में दिव्य और भव्य स्मारक का निर्माण कराना अभिभूत करने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह परिकल्पना अतुल्य है। इस सम्मान के लिए आभार जताने के लिए आज मेरे पास शब्द नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने आदिनाथ और बहू कृष्णा को स्मृति चिह्न के रूप में श्रीरामजन्मभूमि मंदिर का मॉडल और वीणा भेंट की।