उत्तरप्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में जालसाजों ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की एक जमीन पर कब्जा कर लिया और उसे कथित तौर पर बेच दिया। एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
अधिकारी के मुताबिक, दिग्विजय की जमीन की देखभाल करने वाले अनिल यादव ने जिलाधिकारी, उप-जिलाधिकारी और पुलिस के पास शुक्रवार को इस सिलसिले में शिकायत दर्ज कराई। यादव ने कहा कि जब जमीन पर अवैध निर्माण शुरू हुआ, तब उसे मामले का पता चला।
अधिकारी के अनुसार, अंबेडकरनगर जिले की आलापुर तहसील के राम नगर महुवर गांव में 0.152 हेक्टेयर भूखंड (प्लॉट संख्या 1335) दिग्विजय के नाम पर दर्ज है।
उन्होंने बताया कि पहले यह जमीन दिग्विजय की मां अपर्णा कुमारी के नाम पर दर्ज थी, लेकिन 18 फरवरी 1986 को उनकी मौत के बाद दिग्विजय ने विरासत के लिए आवेदन किया और फिर 18 मई 2024 को जमीन उनके नाम पर पंजीकृत हो गई।
यादव ने तहसील प्रशासन और पुलिस को बताया कि आलापुर तहसील के केवटला गांव के रहने वाले राम हरक चौहान ने 1989 में खुद को दिग्विजय बताकर सेवानिवृत्त अपर पुलिस अधीक्षक जियालाल और राम नगर महुवार गांव निवासी राजबहादुर तथा मंगली को जमीन हस्तांतरित कर दी।
खरीदारों के परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को जमीन पर निर्माण शुरू कर दिया, जिसके बाद यादव ने शिकायत दर्ज कराई। अधिकारियों ने बताया कि तहसील प्रशासन ने निर्माण कार्य रोक दिया है और भूमि रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी गई है।
आलापुर तहसील के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि भूमि अभी भी आधिकारिक तौर पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नाम पर पंजीकृत है। उन्होंने कहा कि जमीन पर निर्माण कार्य रोक दिया गया है और तहसील प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। भाषा