लखनऊ। Lucknow Court Firing : उत्तरप्रदेश के लखनऊ ने कैसरबाग स्थित कोर्ट परिसर में पेशी पर आए बदमाश संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावर वकील की ड्रेस में आए थे। फायरिंग में 1 बच्ची, पुलिसकर्मी समेत 4 लोग जख्मी हैं। कुख्यात संजीव के हत्यारे की पहचान विजय यादव पुत्र श्यामा यादव निवासी केराकत जिला जौनपुर के रूप में हुई है। पुलिस छानबीन में जुटी हुई है। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है।
सूत्रों की मानें तो जीवा मुख्तार अंसारी का करीबी बताया जाता है। अभी फिलहाल वह लखनऊ जेल में बंद था। हाल ही में प्रशासन ने उसकी संपत्ति भी कुर्क की थी। खबरों के मुताबिक शूटर की गिरफ्तारी हो गई है।
कौन है जीवा : जीवा मुजफ्फरनगर का एक कुख्यात बदमाश था। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाना में कंपाउंडर की नौकरी करता था। बाद में उसी दवाखाना के मालिक को ही अगवा कर लिया था।
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का नाम 10 फरवरी 1997 को हुई भाजपा के नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया। इस केस में संजीव माहेश्वरी उर्फ उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इसके कुछ दिन बाद मुन्ना बजरंगी गैंग में शामिल हो गया।
इसी समय उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ। मुख्तार को अत्याधुनिक हथियारों का शौक था तो संजीव माहेश्वरी उर्फ के पास हथियारों को जुटाने का तिकड़मी नेटवर्क था। इसी कारण उसे अंसारी का सपोर्ट था और फिर संजीव जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आया।
हालांकि संजीव माहेश्वरी उर्फ को साल 2005 में हुए कृष्णानंद राय हत्याकांड में कोर्ट ने बरी कर दिया गया था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संजीव माहेश्वरी उर्फ पर 22 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 17 मामलों में संजीव बरी हो चुका था जबकि उसकी गैंग में 35 से ज्यादा सदस्य हैं। Edited By : Sudhir Sharma