लखनऊ। Gangster Sanjeev Jeeva murder case: लखनऊ की जिला अदालत परिसर में बुधवार को एक दुस्साहिक वारदात में पश्चिमी उत्तरप्रदेश के खूंखार अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना पर गंभीर रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का फैसला किया है।
3 सदस्यीय एसआईटी में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी) मोहित अग्रवाल, संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था), लखनऊ नीलाब्जा चौधरी और आईजी अयोध्या प्रवीण कुमार शामिल हैं। जांच दल को एक सप्ताह के भीतर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद बताया कि जिला अदालत के अंदर फायरिंग हुई जिसमें एक अपराधी संजीव जीवा घायल हो गया।
गोलीबारी में कमलेश और लाल मोहम्मद समेत दो हेड कांस्टेबल घायल हो गए। उन्होंने बताया कि घटना में ससुर की जमानत पर आई नीलम नाम की महिला व उसकी डेढ़ साल की बेटी लक्ष्मी भी घायल हो गई।
उन्होंने कहा कि इलाज के दौरान संजीव जीवा की मौत हो गई, वहीं दो कांस्टेबल और महिला की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
कुमार ने कहा कि जीवा का नाम हत्या के कुछ प्रमुख मामलों में सामने आया था, जिसमें भाजपा के पूर्व विधायक कृष्णानंद राय, पूर्व मंत्री ब्रह्म दत्त द्विवेदी और व्यवसायी अमित दीक्षित शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि उसे दो मामलों में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह 2003 से जेल में बंद था।
इस बीच कुमार ने प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद किए जाने के निर्देश सभी जिला प्रशासनों को जारी किए हैं।
इससे पहले पुलिस सूत्रों ने बताया कि जौनपुर जिले के केराकत गांव सुल्तानपुर निवासी विजय यादव उर्फ आनंद यादव ने वकील के वेश में अदालत परिसर मे प्रवेश कर जीवा पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं जब वह एक मामले में पेश होने के लिये पुलिस अभिरक्षा में अदालत ले जाया जा रहा था।
हमलावर ने अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें डेढ़ साल की बच्ची लक्ष्मी और एक पुलिसकर्मी लाल मोहम्मद को भी गोली लगी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जीवा ने भागने की कोशिश की, लेकिन हमलावर ने उसका पीछा किया और विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) की अदालत के गेट पर उसे गोली मार दी।
उन्होंने कहा कि हमलावर ने 5 से 6 राउंड गोलियां चलाईं। जीवा को पास के बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि हमलावर आनंद यादव को वकीलों और पुलिस ने उस वक्त पकड़ लिया जब वह भागने की कोशिश कर रहा था।
उन्होंने कहा कि घायल बालिका और पुलिस कर्मियों को अस्पताल ले जाया गया, जहां से लक्ष्मी को ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।
जीवा को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लखनऊ जेल से कोर्ट लाया गया था। जिला अदालत के वकीलों ने घटना के बाद हंगामा किया और अदालतों के बाहर और अंदर सुरक्षा में कमी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया।
मुजफ्फरनगर का रहने वाला जीवा पश्चिमी यूपी का खूंखार गैंगस्टर था और माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी और खूंखार अपराधी मुन्ना बजरंगी गिरोह से जुड़ा हुआ था। उस पर ब्रह्मदत्त द्विवेदी और विधायक कृष्णानंद राय सहित भाजपा के दो नेताओं की हत्या का आरोप था।
2003 में उसे पूर्व विधायक विजय सिंह की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उसके खिलाफ पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के अलग-अलग थानों में कुल 24 मामले दर्ज हैं। अदालत ने उन्हें 17 मामलों में बरी कर दिया था।
पिछले कुछ महीनों में यह दूसरी घटना है जब अपराधियों को पुलिस हिरासत में गोली मारी गई है. माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई खालिज अजीम उर्फ अशरफ को 15 मार्च को प्रयागराज में पुलिस हिरासत में रूट मेडिकल चेकअप के लिए ले जाते समय तीन शूटरों ने गोली मार दी थी। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma