गोरखनाथ मंदिर सुरक्षा में तैनात दो पीएसी जवानों पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा की तलाकशुदा पत्नी और उबके पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि वह 2019 में मानसिक रूप से बीमार नहीं था। जौनपुर की रहने वाली पूर्व पत्नी का कहना है कि शादी के बाद वह लगभग डेढ़ महीना मुर्तजा के साथ रही है।
इतने समय में उसका और मुर्तजा का मन बहुत ज्यादा नहीं मिला। वह अपने माता-पिता के साथ ज्यादा समय बिताता और अपनी पत्नी से कम बात करता था, लेकिन उस दौरान उसका व्यवहार मानसिक तौर पर कमजोर नजर नहीं आया।
गोरखनाथ मंदिर में दो जवानों के हमले के बाद मुर्तजा की गिरफ्तारी हुई तो उसके पिता मुनीर अब्बासी लगातार दावा कर रहे हैं कि उनका बेटा मानसिक रूप से बीमार है। मुर्तजा की दिमागी हालत खराब होने का वास्ता देकर सहानुभूति की अपील भी कर रहे हैं, लेकिन अब मुर्तजा की तलाकशुदा पत्नी और उसके पिता ने कहा है कि वह मानसिक रूप से 2019 तक सही था। यदि वह सही नहीं होता तो उसके साथ कोई भी लड़की निकाह कैसे करती?
आरोपी मुर्तजा की शादी जौनपुर के रहने वाले मुजफुरुल हक की बेटी से जून 2019 में हुई थी। मुजफुरुल ने बताया कि सितंबर में उनकी बेटी का मोबाइल पर ही तीन तलाक हो गया था। शादी के बाद एक बार ही मुर्तजा जौनपुर आया था। तलाक का कारण घरेलू झगड़ा रहा, उसकी मां मेरी बेटी को टार्चर करती थी, जिसकी वजह से वह ससुराल में परेशान रहने लगी और घर आ गई। मुर्तजा 2019 में कैमिकल इंजीनियर था और उस समय उसकी दिमागी हालत सामान्य थी।
मुर्तजा की पूर्व पत्नी ने कहा कि वह अपनी ससुराल में डेढ़ महीने रही। मुर्तजा का परिवार बहुत धार्मिक रुझान वाला है, लेकिन वह उतनी धार्मिक नहीं है। पति-पत्नी के विचारों में मतभेद तलाक का कारण बने, लेकिन तलाक के मूल में मुर्तजा की मां की अहम भूमिका थी, क्योंकि वह देर रात तक अपने मां-बाप के साथ रहता और घरेलू व सादी लड़की चाहता था। आरोपी मुर्तजा की मां का पूरे घर में अधिकार है। मुर्तजा बहुत कम बोलता था, जिसके चलते दोनों में बातचीत बहुत कम होती थी। मुर्तजा का पत्नी की तरफ बेरुखी का व्यवहार और उसकी मां के कटु वचन तलाक का कारण बने।
मुर्तजा के आतंकी संगठन के साथ संबंधों की जांच कर रही यूपी एटीएस की टीम जौनपुर के तारापुरी पहुंची और मुर्तजा पूर्व पत्नी से पूछताछ की। पूछताछ के बाद मुर्तजा की पूर्व पत्नी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुर्तजा बहुत रिजर्व रहता था। बहुत कम बोलने वाला इंसान था। मेरी नार्मली उससे ज्यादा बात नहीं होती थी क्योंकि उसकी मम्मी को मैं पसंद नहीं थी। मेरा परिवेश अलग तरह का और उनका अलग तरह का। मैं आजाद ख्याल की रही हूं और वे मुस्लिम परिवेश के ताने-बाने में ढले हुए हैं, वे पर्दा पसंद लोग हैं, जबकि मेरा परिवार ऐसा नहीं है। विचारों में बिल्कुल भी तालमेल नहीं रहा, जिसके चलते राह अलग हो गई।
लैपटॉप में क्या देखता था : जब मुर्तजा की तलाकशुदा पत्नी से पूछा गया कि वह लैपटॉप-मोबाइल वगैरह पर ज्यादा व्यस्त रहता था क्या? लैपटॉप पर क्या देखता और करता था, इस पर वह बोली कि हमें कुछ नही मालूम कि वह क्या करता था। उसका लैपटॉप माता-पिता के कमरे में रखा रहता और वह ऑफिस से आने के बाद वही काम करता था। सास-ससुर के कमरे बिना इजाजत जाने की अनुमति ननहीं रही, इसलिए वह ज्यादा करीब से मुर्तजा को जान नहीं पाई। रात 11 बजे तक अपने मम्मी-पापा के साथ रहता, कभी-कभी उन्हीं के साथ ही सो जाता था, जिसके चलते उसके साथ बातचीत नहीं होती, यदि होती थी तो वह भी परिवार के सामने।
मुर्तजा की पूर्व पत्नी से मीडिया को बातचीत में बताया कि उसके और मुर्तजा के बीच में हमेशा मां का दखल रहता था। इसके चलते उसका मेंटली टार्चर शुरू हो गया, वह उसके खान-पान और माहौल पर बेतुकी बाते करने लगी। वह घरेलू लड़की चाहती थी, जिसे किसी बात से कोई मतलब न रहे। पूर्व पत्नी ने कहा कि मुर्तजा का दिमागी संतुलन बिगड़ा नहीं कहा जा सकता है, यदि उसका मूड अच्छा है तो अच्छा है, अगर खराब है तो फिर कोई कुछ भी नहीं कर सकता है। तलाकशुदा पत्नी को उसके व्यवहार में कभी भी मानसिक विक्षिप्त नजर नहीं आई।
आरोपी के पिता की दलील है कि वह 2001 से डिप्रेशन का शिकार रहा है और 2017 से मानसिक संतुलन खोने लगा था। 2018 में मानसिक विकृति का रौद्र रूप बाहर आया था। यदि ऐसा था तो 2019 में उसका निकाह कैसे हो गया? पत्नी और ससुराल पक्ष मुर्तजा के दिमागी बीमारी को कैसे पहचान नही सकें, यह बात तो हैरत में डालने वाली है।