Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

आरटीआई एक्टिविस्ट ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ऊपर लगाए फर्जी डिग्री होने के आरोप, एसीजेएम कोर्ट में फैसला सुरक्षित

Advertiesment
हमें फॉलो करें आरटीआई एक्टिविस्ट ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ऊपर लगाए फर्जी डिग्री होने के आरोप, एसीजेएम कोर्ट में फैसला सुरक्षित

अवनीश कुमार

, शनिवार, 7 अगस्त 2021 (09:28 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ऊपर आरटीआई एक्टिविस्ट और वरिष्ठ भाजपा नेता दिवाकर त्रिपाठी ने फर्जी डिग्री होने का आरोप लगाते हुए एसीजेएम कोर्ट में एक परिवाद दाखिल की थी जिस पर सुनवाई करते हुए एसीजेएम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है और फर्जी डिग्री के मामले को लेकर कोर्ट 11 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगी। पूरे मामले को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर त्रिपाठी की ओर से दाखिल किए गए परिवाद में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

 
आरोप लगाते हुए कहा गया है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने शैक्षिक प्रमाण पत्र में हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा जारी प्रथमा और द्वितीया की डिग्री लगाई है, जो प्रदेश सरकार या किसी बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं है। इसी डिग्री के आधार पर उन्होंने इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन से पेट्रोल पंप भी प्राप्त किया है। परिवाद में यह भी कहा गया है कि केशव प्रसाद मौर्य ने 2007 में शहर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। इसके बाद 2012 में सिराथू से भी विधानसभा चुनाव लड़ा और फूलपुर से 2014 में वे लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।

 
आरटीआई एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया है कि शैक्षिक प्रमाण पत्र में अलग-अलग वर्ष भी दर्ज हैं। इनकी कोई मान्यता नहीं है। दिवाकर त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया है कि इस पूरे मामले को लेकर जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन व उत्तरप्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक कार्रवाई की मांग की थी लेकिन जब कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है तब कहीं जाकर मजबूर होकर उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

महाराष्ट्र में delta variant का कहर, 30 नए मामले आए सामने