लखीमपुर खीरी। उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड में मंत्री पुत्र सहित अन्य सभी की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं जिसके चलते लगातार 3 महीने से जांच कर रही एसआईटी ने एक बार फिर मंत्री पुत्र सहित अन्य सभी की दिक्कतों को और बड़ा कर दिया है। एसआईटी की जांच टीम में लखीमपुर खीरी कांड को सोची- समझी साजिश बताते हुए मुख्य आरोपी मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा सहित अन्य सभी आरोपियों पर मुकदमे में धारा 307, 326 और 34 शामिल कर दी है और जांच टीम ने बढ़ाई गईं धाराओं में आरोपियों की रिमांड लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच कर रही एसआईटी की टीम ने पाया कि जेल में बंद मुख्य आरोपी मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा सहित सभी आरोपियों ने घटना को अंजाम सोची-समझी साजिश के तहत दिया था। पूरे मामले की विवेचना मुकदमे में दर्ज धाराओं के तहत हो रही थी जिसके चलते अब एसआईटी ने मुकदमे से धारा 304ए, 338 और 279 को हटा दिया है और मुकदमे को धारा 307, धारा 326 और धारा 34 के तहत अपराधी माना है। अब जांच की दिशा बढ़ाई गईं धाराओं के अंतर्गत बढ़ रही है जिसके चलते बढ़ाई गई धाराओं में आरोपियों की रिमांड लेने के लिए विवेचक ने कोर्ट में अर्जी भी दी है। इस अर्जी पर कोर्ट ने मंगलवार को आरोपियों को तलब किया है।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में हुए तिकुनिया कांड में 4 किसानों और 1 पत्रकार की हत्या में मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा सहित अन्य कई लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था जिसके चलते मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा सहित अन्य कई सभी जेल भेजे गए थे।