लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज बुधवार को अखिलेश यादव की पार्टी को चेतावनी दी कि यदि बसपा के निष्कासित विधायकों को शामिल कराया तो समाजवादी पार्टी में फूट पड़ेगी और पार्टी टूट जाएगी। बसपा से निष्कासित असलम राइनी, मुजतबा, हाकिम लाल, हरगोविंद भार्गव और सुषमा पटेल के कल मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मुलाकात और बंद कमरे में बातचीत के बाद घटे राजनीतिक घटनाक्रम में आज मायावती ने लगातार 5 ट्वीट किए।
उन्होंने कहा कि यदि अखिलेश यादव ने बसपा के निष्कासित विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कराया तो सपा में फूट होगी और उसके विधायक बसपा में शामिल होंगे। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि सपा के कुछ विधायक बसपा में आने को तैयार बैठे हैं। घृणित गठजोड़, द्वेष और जातिवादी आदि की संकीर्ण राजनीति में माहिर समाजवादी पार्टी द्वारा मीडिया के सहारे यह प्रकाशित करवाना कि 'बसपा के कुछ विधायक टूटकर सपा में आ रहे' घोर छलावा है।
उन्होंने कहा कि इन्हें काफी पहले ही सपा और एक उद्योगपति के बीच मिलीभगत के कारण राज्यसभा के चुनाव में दलित के बेटे को हराने के प्रयास के कारण निलंबित किया जा चुका है। सपा इन निलंबित विधायकों के प्रति थोड़ी भी ईमानदार होती तो इन्हें अधर में नहीं लटकाए रखती। उन्होंने कहा कि सपा का चाल, चरित्र और चेहरा हमेशा से दलित विरोधी रहा है और वो सुधार के लिए कतई तैयार नहीं है। बसपा के कार्यकाल में भदोही का नाम संत रविदास नगर किया गया था जिसे सपा ने अपने कार्यकाल में फिर बदलकर भदोही कर दिया।(वार्ता)