लखनऊ। कोरोना महामारी से जूझ रहे उत्तरप्रदेश की जनता को स्कूल प्रबंधन के दबाव से बचाने के लिए सरकार पहले ही कई दिशा-निर्देश जारी करते हुए अभिभावकों को राहत दे चुकी है। इसी के चलते देर रात उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से जारी एक पत्र में उत्तरप्रदेश के सभी स्कूलों को सत्र 2020-21 में फीस नहीं बढ़ाने का आदेश दिया गया है जिसके बाद से उत्तरप्रदेश के अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है।
सरकार की ओर से जारी आदेश में वृद्धि के संबंध में कहा गया है कि भारत सरकार के आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 सपठित उत्तरप्रदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा-2 (जी) के अंतर्गत कोरोना वायरस के बढ़ते संकमण के कारण फैल रही महामारी को 'आपदा' घोषित किया गया है।
कोरोना वायरस (कोविड-19) के संकमण के दृष्टिगत घोषित लॉकडाउन के कारण छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के रोजगार भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं तथा ऐसे छात्रों के अभिभावकों को शुल्क जमा किए जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
अत: कोरोना वायरस के संकमण के दृष्टिगत लॉकडाउन के कारण उत्पन्न आपात परिस्थितियों के दृष्टिगत जनहित एवं छात्रहित में सम्यक विचारोपरांत यह निर्णय लिया गया है कि उत्तरप्रदेश में संचालित समस्त बोर्ड के समस्त विद्यालयों द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए शुल्क वृद्धि न की जाए तथा शैक्षणिक सत्र 2019-20 में नए प्रवेश तथा प्रत्येक कक्षा हेतु लागू की गई शुल्क संरचना के अनुसार ही शैक्षणिक सत्र 2020-21 में छात्र-छात्राओं से शुल्क लिया जाए।
यदि किसी विद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 में शुल्क वृद्धि करते हुए बढ़ी हुई दरों से शुल्क लिया जा चुका है तो बढ़े हुए अतिरिक्त शुल्क को आगामी महीनों के शुल्क में समायोजित किया जाए। इस संबंध में समस्त जिलाधिकारियों को कड़ाई से अनुपालन करने के लिए कहा गया है।